यूपी के हाथरस कांड में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. अब एक ऐसी जानकारी आई है जो आपको हैरान कर सकती है. सबूत छुपाने के लिए बाबा के सेवकों ने लोगों के जूते भी फेंक दिये. इसके चलते मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों व सेवादारों के खिलाफ हत्या की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है. साथ ही साक्ष्य छुपाने की धारा भी लगाई गई है.
कार्यक्रम में 80 हजार की जगह ढाई लाख श्रद्धालु मौजूद रहे
हाथरस मामले की जांच में एफआईआर के आधार पर पता चला है कि घटना के वक्त यहां ढाई लाख श्रद्धालु थे। आयोजकों ने 80 हजार लोगों की इजाजत ली थी. आयोजकों की ओर से यातायात प्रबंधन की कोई व्यवस्था नहीं थी. भगदड़ में घायल हुए लोगों के जूते साक्ष्य छुपाने की आशा में पास के एक खेत में फेंक दिए गए।
क्या है इस मिट्टी से जुड़ी मान्यता?
जांच में यह भी पता चला है कि जिस मिट्टी पर बाबा ने अपने पैर रखे हैं, उस मिट्टी को भक्त पवित्र मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि उस मिट्टी को घर ले जाने से कई परेशानियां दूर हो जाती हैं। महिलाएं इसे पलाव में बांधती हैं। बाबा मार्ग में रंगोली बनाई गई। इस रंगोली के रंग से प्राप्त धूल को महिलाएं पलाव में बांधती हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है. इस चमत्कारी मिट्टी के लालच में कई लोग आये और उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को इस पलायन में खो दिया।
सबसे ज्यादा मौतें महिलाओं की होती हैं
जानकारी के मुताबिक, यूपी के मुख्य सचिव मनोजकुमार सिंह ने बताया कि कुल 121 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 7 बच्चे, 1 पुरुष को छोड़कर सभी महिलाएं शामिल हैं. इसके साथ ही घटना के कई वीडियो भी वायरल हो गए हैं. सत्संग के लिए दूर-दराज के इलाकों से कई महिलाएँ आई थीं।