हाथरस हादसा: सत्संग सुनने गई आगनवाड़ी कार्यकत्री का शव पहुंचते ही गांव में मची चीख पुकार

फिरोजाबाद, 03 जुलाई (हि.स.)। हाथरस में सत्संग के दौरान हुए भीषण हादसे में फिरोजाबाद की महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ती की भी मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को शव सिरसागंज स्थित घर पहुंचा तो गांव में चीख-पुकार मच गई।

सिरसागंज के ग्राम शेखूपुर निवासी रामा देवी (60) पत्नी स्व. चंद्रपाल अपने ही गांव की भगवान देवी और मंशा देवी के साथ हाथरस नारायण साकार हरि (सूरजपाल) का सत्संग सुनने के लिए गई थीं। वहां हुई भगदड़ में भगवान देवी और मंशा देवी तो बच गईं, लेकिन रामादेवी अपने आप को बचा नहीं सकीं और दम घुटने से उनकी मौत हो गई। रामादेवी के बेटे महेश और नरेश को जैसे ही पता चला कि हाथरस में चल रहे सत्संग में भगदड़ मच गई है और सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है तो पूरे गांव में लोग जानकारी करने लगे कि कौन-कौन गया है। रामादेवी के बेटे तुरंत ही हाथरस के लिए निकल गए। वहां जाकर उन्हें पता चला कि उनकी मां की मौत हो गई है तो उनमें कोहराम मच गया।

रामा देवी का शव बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद सिरसागंज स्थित उनके गांव पहुंचा तो गांव में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बेहाल है। घटना को याद कर परिजन अपने को बेबस समझ रहे थे और उनकी जुबान पर साकार हरि का नाम था। मृतक रामा देवी ग्राम शेरपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के रूप में काम करती थीं। परिजनों ने बताया कि रामादेवी भोले बाबा को अपना गुरु मानती थीं इसलिए सत्संग में गई थीं।