Hartalika Teej 2025: बप्पा के बिना कैसे पूरी होगी तीज? जानिए क्यों हर पूजा की शुरुआत गणपति जी से ही होती है

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Hartalika Teej 2025: हरितालिका तीज... यह सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि सुहागिनों के लिए उनके प्यार, विश्वास और समर्पण का महापर्व है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए सबसे कठिन व्रतों में से एक, निर्जला व्रत रखती हैं। हर साल की तरह, 2025 में भी इस त्योहार को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं, और हर कोई पूजा की सही विधि और शुभ मुहूर्त जानना चाहता है।

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस कठिन व्रत और पूजा का सबसे पहला और सबसे जरूरी नियम क्या है? वह है भगवान गणेश की पूजा।

गणपति बप्पा ही क्यों हैं प्रथम पूज्य?

हिंदू धर्म में कोई भी शुभ काम या पूजा-पाठ शुरू करने से पहले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है। उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है, यानी सभी विघ्नों, सभी परेशानियों को हरने वाले देवता। हरितालिका तीज का व्रत हो या कोई और पूजा, जब हम सबसे पहले गणपति जी की पूजा करते हैं, तो हम उनसे यह प्रार्थना करते हैं कि हमारी पूजा और हमारा व्रत बिना किसी बाधा के सफलतापूर्वक पूरा हो।

जब माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए यह कठोर तप किया था, तब उन्होंने भी अपनी पूजा की शुरुआत मिट्टी से बने गणेश जी की स्थापना करके ही की थी। इसीलिए, हरितालिका तीज की पूजा में शिव-पार्वती की मूर्तियों के साथ मिट्टी के गणेश जी की प्रतिमा बनाना और सबसे पहले उनकी पूजा करना अनिवार्य माना जाता है। बप्पा की पूजा के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है।

कब है हरितालिका तीज 2025? जानें सही तिथि और मुहूर्त

इस साल, पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, यानी हरितालिका तीज का त्योहार 26 अगस्त 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह दिन शिव और गौरी की पूजा के लिए बेहद शुभ है।

  • पूजा का शुभ मुहूर्त: पूजा के लिए सबसे अच्छा समय सुबह 05:56 बजे से लेकर सुबह 08:31 बजे तक रहेगा।

कैसे करें पूजा की सही शुरुआत?

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे, हो सके तो नए कपड़े पहनें।
  2. पूजा की चौकी पर गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र करें।
  3. अब, गीली काली मिट्टी या बालू से भगवान गणेश, शिवजी और माता पार्वती की प्रतिमाएं बनाएं।
  4. सबसे पहले, गणपति जी को पंचामृत से स्नान कराएं, उन्हें जनेऊ, दूर्वा, और मोदक का भोग लगाएं।
  5. इसके बाद ही भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा शुरू करें।

याद रखें, भगवान गणेश की पूजा करके जब आप इस व्रत की शुरुआत करती हैं, तो वे आपके रास्ते की हर बाधा को दूर करते हैं और आपकी मनोकामना को भगवान शिव और माता पार्वती तक पहुंचाने में मदद करते हैं।

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