हल्द्वानी, 11 जुलाई (हि.स.)। हल्द्वानी के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी दिव्यांग हर्षिका ने भगवान श्रीकृष्ण से विवाह कर ईश्वर के प्रति समर्पण जताया है। आठ साल की उम्र में श्रीकृष्ण को पति मानने वाली हर्षिका ने मीराबाई की तरह अपने जीवन को श्री कृष्ण को समर्पित कर दिया है। बैंड बाजे की धुन और 300 से अधिक बरातियों की मौजूदगी में हर्षिका ने श्रीकृष्ण की मूर्ति से विवाह किया।
गौरतलब है कि विवाह की तैयारियां छह माह से चल रही थीं। उनके पिता पूरन चंद्र पंत ने बेटी के विवाह के लिए वृंदावन में निमंत्रण भेजा और वहां से नौ इंच की भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति तीन जुलाई को धूमधाम से उनके घर पहुंची। बुधवार महिला संगीत कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस विवाह में 300 से अधिक लोगों को निमंत्रण भेजा गया। दो पंडितों ने विवाह कराया।
हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत व्यवसायी हैं और बागेश्वर में उनकी दुकान है। पैरालाइज होने और हल्द्वानी में इलाज चलने के कारण वर्ष 2021 में उन्होंने यहां घर बना लिया। उनके दो बच्चे हैं जिसमें बेटी बड़ी है और बेटा छोटा है। उन्होंने बताया कि बेटी का बचपन से कान्हा के साथ ऐसा लगाव रहा है कि वह उन्हीं से विवाह की जिद बांध बैठी थी। बेटी की इच्छा का सम्मान करने के लिए परिवार ने यह फैसला लिया है।