पाकिस्तान से हिंदुओं का एक समूह 400 अस्थि कलश लेकर भारत पहुंचा है। इसमें मृत हिंदुओं की अस्थियां भी शामिल हैं, जिन्हें हरिद्वार में गंगा नदी में विधिवत समारोह के साथ विसर्जित किया जाएगा। कराची स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर एवं श्मशान घाट के मुख्य सेवक रामनाथ मिश्रा इस यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। वे अस्थियों को भारत में समर्पित करने के लिए लाए हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, तर्पण पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया जाने वाला एक धार्मिक अनुष्ठान है।
गंगा नदी में अस्थियों का विसर्जन
पाकिस्तान से 223 हिन्दू तीर्थयात्री तीर्थयात्रा के लिए भारत आये हैं। ये तीर्थयात्री हरिद्वार में हर की पौड़ी स्थित अस्थि प्रवास घाट पहुंचे। यहां करीब 20 लोगों की अस्थियां मां गंगा में विसर्जित की गईं। ये अस्थियां पाकिस्तान से आये पर्यटकों द्वारा हरिद्वार लायी गयीं। इन लोगों ने कई वर्षों तक अस्थियां पाकिस्तान में रखी थीं। अब ये लोग पाकिस्तान से आये हैं. फिर उन्होंने अपनी अस्थियां मां गंगा की गोद में विसर्जित कर दीं ताकि उनके पूर्वजों को मोक्ष मिल सके। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहने वाले हिंदू श्रद्धालु मां गंगा को अपनी देवी मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि अस्थियों को मां गंगा में विसर्जित किया जाए तो व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी मान्यता के कारण अस्थियों को मां गंगा में विसर्जित किया गया।
शदाणी दरबार के मुख्य पुजारी स्वामी युधिष्ठिर लाल ने बताया कि 20-22 पशुओं की अस्थियां गंगा में विसर्जित की गईं। ये लोग शादानी के दरबार में आये हैं। कुछ लोग परिचित थे, कुछ अपरिचित। यह एक धार्मिक सेवा है. लोगों में यह पवित्र भावना होती है कि उनका अंत अच्छा हो और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो। हरिद्वार पहुंचे पाकिस्तानी हिंदुओं ने मां गंगा में विसर्जित की अपने पूर्वजों की अस्थियां, कहा- कई सालों से कर रहे थे इंतजार
उन्होंने कहा कि सिंध प्रांत में ब्राह्मण बहुत हैं और पवित्र सिंध भी है, लेकिन पूरे सिंध हिंदू समुदाय की अस्थियां गंगा में ही विसर्जित की जाती हैं। गंगाजी के बिना कोई प्रगति नहीं है, हमारे पुजारी भी सदियों से यहां रहे हैं। आज सिंधी समुदाय के उन लोगों को मोक्ष की प्राप्ति हुई जिनकी अस्थियां कई वर्षों से रखी हुई थीं। ये अस्थियां पाकिस्तान के 33-34 शहरों से लोग लेकर आए हैं। गंगा सिंध और पंजाब की अधिष्ठात्री देवी हैं और इसीलिए पूरा सिंधी हिंदू समुदाय सदियों से गंगा में फूल चढ़ाने आता रहा है।
पाकिस्तानी समूह के नेता ने क्या कहा?
समूह के नेता गोविंदराम मखीजा का कहना है कि वे सिंध, पाकिस्तान से आये हैं। शादानी दरबार के नेतृत्व में भारत और पाकिस्तान के जत्थों का सिलसिला पिछले 35-40 वर्षों से चल रहा है। इस श्रृंखला को जारी रखते हुए हम शादानी के दरबार में आये। वे 13 अप्रैल को 223 यात्रियों के समूह के साथ सिंध से रवाना हुए। हमने 14 तारीख को सीमा पार की और 16 तारीख को अमरावती पहुंचे। इसके बाद वे 19 तारीख को रायपुर पहुंचे, जहां वे 10 दिनों तक रुके। वहाँ पूजा की. फिर वहां से वे प्रयागराज आये और त्रिवेणी में स्नान किया।