पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी एक माह बाद भी पेपर नहीं खरीद पाई है, जिस कारण विद्यार्थियों को अपनी डिग्री व डीएमसी लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। बता दें कि इस मुद्दे को पंजाबी जागरण ने प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद अथॉरिटी ने जल्द ही टेंडर कर पेपर खरीदने की बात कही थी. इसके बावजूद छात्रों की समस्या का समाधान नहीं हो सका है. विश्वविद्यालय के छात्र संगठन SAIFI (सेकुलर यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया) इकाई के अध्यक्ष नारदन सिंह सरन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने नियंत्रण परीक्षाओं से मुलाकात की। परीक्षा शाखा से संबंधित विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर एक मांग पत्र दिया गया.
पत्रकारों से बात करते हुए नारदन सिंह सरन ने कहा कि सर्टिफिकेट और डिग्री के लिए जरूरी कागजात काफी समय से खो गए हैं, जिसके कारण विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों को सर्टिफिकेट और डिग्री नहीं मिल पा रही है. उन्होंने कहा कि इससे छात्रों को परेशानी हो रही है और उन्हें बार-बार परीक्षा शाखा का चक्कर लगाना पड़ रहा है. उपाध्यक्ष दारा सिंह ने कहा कि सर्टिफिकेट और डिग्री नहीं मिलने से छात्रों को विदेश में दाखिला लेने और सरकारी नौकरी के फॉर्म भरने में दिक्कत होती है. उन्होंने कहा कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान किया जाना चाहिए.
इस अवसर पर जशनदीप सिंह खुड़ियां ने कहा कि पुनर्मूल्यांकन के नतीजे अक्सर तब तक देरी से आते हैं जब तक विद्यार्थी दोबारा पेपर नहीं दे देता, इसलिए इस मुद्दे पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि विद्यार्थी आर्थिक और मानसिक परेशानी से बच सके। नेताओं ने कहा कि अगर एक सप्ताह के अंदर इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो संगठन की ओर से बड़ा संघर्ष किया जायेगा.
इस मौके पर सैफी के वरिष्ठ नेता यादविंदर सिंह यदु, कलसदीप सिंह, सिमरनजीत सिंह, फरशान सिंह बराड़, मनजीवन सिंह, गुरविंदर सिंह, जशप्रीत सिंह जस्सू, सफरजीत सिंह, सिमी भंगू आदि मौजूद थे.