कंघी में आते हैं बालों के गुच्छे? केमिकल छोड़ें, अपनाएं ये सदियों पुराने आयुर्वेदिक नुस्खे

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News India Live, Digital Desk: बालों का झड़ना आज एक ऐसी समस्या बन गई है जिससे लगभग हर कोई परेशान है। कंघी करते हुए, सिर धोते हुए या सुबह तकिये पर बालों का गुच्छा देखना किसी बुरे सपने से कम नहीं होता। इस परेशानी से निपटने के लिए हम बाजार में मिलने वाले महंगे तेल, शैम्पू और न जाने क्या-क्या इस्तेमाल करते हैं, लेकिन नतीजा अक्सर कुछ खास नहीं निकलता।

अगर आप भी केमिकल वाले प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करके थक चुके हैं, तो शायद अब समय है अपनी जड़ों की ओर लौटने का। हज़ारों साल पुरानी हमारी आयुर्वेदिक चिकित्सा में बालों की हर समस्या का समाधान छिपा है। आयुर्वेद सिर्फ ऊपर से इलाज नहीं करता, बल्कि समस्या की जड़ तक जाकर उसे खत्म करने पर काम करता है।

आयुर्वेद क्यों मानता है बालों का झड़ना?

आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में तीन दोष होते हैं - वात, पित्त और कफ। जब इनमें से 'पित्त दोष' बढ़ जाता है, तो बालों से जुड़ी समस्याएं जैसे बालों का झड़ना, समय से पहले सफेद होना और गंजापन शुरू हो जाता है। पित्त दोष बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे बहुत ज्यादा तनाव लेना, मसालेदार या तला-भुना खाना, और शरीर में गर्मी बढ़ना।

बालों को बचाने के आयुर्वेदिक उपाय

आयुर्वेद कुछ खास जड़ी-बूटियों और जीवनशैली में बदलाव पर जोर देता है जो बालों को अंदर से पोषण देकर उन्हें मजबूत और घना बनाते हैं।

जड़ी-बूटियों का जादू: कुछ जड़ी-बूटियां बालों के लिए अमृत की तरह काम करती हैं। भृंगराज को तो "केशराज" यानी बालों का राजा ही कहा जाता है। यह बालों को झड़ने से रोकता है और उन्हें दोबारा उगने में मदद करता है। इसी तरह आंवला विटामिन सी का खजाना है, जो बालों को मजबूती देता है और उन्हें काला बनाए रखता है। शिकाकाई और रीठा प्राकृतिक क्लींजर का काम करते हैं, जो स्कैल्प को स्वस्थ रखते हैं।

नियमित चंपी है ज़रूरी: हफ्ते में कम से कम दो बार गुनगुने तेल से सिर की मालिश यानी चंपी ज़रूर करें। इससे स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और बालों की जड़ों को पोषण मिलता है। आप नारियल, बादाम या भृंगराज तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

खान-पान पर दें ध्यान: जैसा खाएंगे अन्न, वैसा होगा मन (और बाल भी)। आयुर्वेद के अनुसार, बालों को स्वस्थ रखने के लिए पित्त को शांत करने वाला भोजन करना चाहिए। अपनी डाइट में ठंडी तासीर वाली चीजें जैसे आंवला, घी, दूध, हरी सब्जियां और मीठे फल शामिल करें। बहुत ज्यादा मसालेदार, खट्टा और तला हुआ भोजन करने से बचें।

तो अगली बार जब आप झड़ते बालों से परेशान हों, तो केमिकल की बोतल की तरफ नहीं, बल्कि अपनी रसोई और आयुर्वेद की तरफ देखें। यह थोड़ा समय ज़रूर ले सकता है, लेकिन इसका असर लंबा और असरदार होता है।

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