आतंकी हमला: अगर घाटी में न गिरी होती बस…

9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में संदिग्ध आतंकवादियों की गोलीबारी के बाद श्रद्धालुओं से भरी एक बस गहरी खाई में गिर गई थी. इस हमले में 09 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए. घायलों में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोग भी शामिल हैं, जो अस्पताल में भर्ती हैं। ये लोग आतंकी हमलों की बात करते ही डर जाते हैं, बस यही कहते हैं कि भगवान ने हमारी जान बचाई.

आतंकी हमले के वक्त बस में मौजूद लोगों का कहना था कि अगर बस खाई में नहीं गिरी होती तो आतंकी सभी को मार डालते. लड़की डरी हुई लग रही थी. उन्होंने बताया कि आतंकी 15 मिनट तक फायरिंग करते रहे. हमलावरों ने गोलीबारी तभी बंद की जब यात्रियों ने चिल्लाना बंद कर दिया, उन्हें एहसास हुआ कि सभी मर चुके हैं।

राजस्थान में विरोध प्रदर्शन

रियासी आतंकी हमले के खिलाफ राजस्थान के चौमू में लोगों ने रैली निकाली. चौमू पुलिस थाना मोड़ के पास लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए. शहरवासी आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिजनों को आर्थिक मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे. एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। आतंकी हमले में चौमू और हरमाड़ा के चार लोगों की मौत हो गई है.

क्या था पूरा मामला

9 जून को जम्मू के रियासी जिले में श्रद्धालुओं की बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. जिससे तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी. इस घटना में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 33 घायल हो गए. हमला पौनी क्षेत्र के तरयाठ गांव में उस वक्त हुआ जब श्रद्धालु शिवखोड़ी मंदिर जा रहे थे.