ग्वालियर: राजमाता का राजसी परंपरा से हुआ अंतिम संस्कार, पुत्र ज्योतिरादित्य ने दी मुखाग्नि

ग्वालियर, 16 मई (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माताजी राजमाता माधवी राजे सिंधिया की पार्थिव देह का गुरुवार को यहां कटोराताल रोड स्थित छत्री में पारंपरिक राजसी ढंग से अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित कई राजनीतिक एवं शाही हस्तियों ने उपस्थित रहकर राजमाता को अंतिम विदाई दी।

राजमाता माधवी राजे सिंधिया का बुधवार 15 मई को सुबह दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया था। वे पिछले तीन-चार महीने से अस्वस्थ थीं। फेफड़ों में संक्रमण के चलते उन्हें श्वांस लेने में कठिनाई हो रही थी। इस बीच कई बार नाजुक हालात बने। ज्योतिरादित्य सिंधिया जो चुनाव अभियान में व्यस्त थे, उन्हें चुनाव छोड़कर दिल्ली जाना पड़ा। बुधवार को तड़के उनकी तबीयत अचानक फिर बिगड़ी और उनकी सांसों की डोर टूट गई। उनके निधन की खबर मिलते ही ग्वालियर-चंबल से लेकर मालवा तक शोक की लहर छा गई।

गुरुवार की सुबह उनकी पार्थिव देह विशेष विमान से ग्वालियर लाई गई। पार्थिव देह के दर्शन के लिए ग्वालियर सहित आसपास के लोग बड़ी संख्या में रानी महल में उमड़ पड़े। हजारों की संख्या में लोगों ने राजमाता की पार्थिव देह पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ श्रद्धासुमन अर्पित करने का यह सिलसिला कोई 3:30 बजे तक चला। इसके पश्चात राजसी ढंग से सजाई पालकी में राजमाता की अंतिम यात्रा शुरू हुई। महल से शुरू हुई अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में भाजपा, कांग्रेस सहित विभिन्न दलों के नेता, कायकर्ता, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों के लोग शामिल हुए। ‘राजमाता अमर रहे और ‘जब तक सूरज चांद रहेगा राजमाता का नाम रहेगा जैसे उद्घोष करते हुए चल रहे थे। अंतिम यात्रा के दर्शन के लिए सड़क किनारे खड़े लोगों ने पार्थिव देह पर पुष्पवर्षा भी की। छत्री में पहले से तैयार एक चबूतरे पर राजमाता की पार्थिव देह का पूर्ण विधि विधान एवं पारंपरिक राजसी ढंग से तमाम रस्मों का निर्वहन करते हुए अंतिम संस्कार किया गया। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्व ने शाम 6:35 बजे पार्थिव देह को मुखाग्नि दी। मुखाग्नि होते ही जनता की ओर से राजमाता अमर रहे का उद्घोष करते हुए अंतिम विदाई दी।

पार्थिव देह में यह हुए शामिल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद जी, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला, केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, तुलसी सिलावट, गोविन्द सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऐंदल सिंह कंसाना, सांसद विवेक शेजलवकर, पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जयभान सिंह पवैया, अनूप मिश्रा, इमरती देवी, सुरेश पचौरी, संजय पाठक, प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल, विधायक देवेन्द्र जैन पत्तेवाले, सुरेश राजे, प्रीतम सिंह लोधी, राज्यसभा सदस्य अशोक सिंह, साहब सिंह गुर्जर, प्रवीण पाठक, ओपीएस भदौरिया, महेन्द्र सिंह सिसौदिया, प्रभूराम चौधरी, नरेन्द्र सिंह कुशवाह, बाबूलाल मेवरा, बालेन्दु शुक्ल, भगवान सिंह यादव, डॉ. गोविन्द सिंह, रामनिवास रावत, रमेश अग्रवाल, मुन्नालाल गोयल, रामवरन सिंह गुर्जर, भाजपा अध्यक्ष अभय चौधरी, प्रदेश मंत्री लोकेन्द्र पाराशर, कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा आदि ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके साथ ही राजमाता की ननद ऊषा राजे, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व मंत्री यशोधरा राजे, बेटी चित्रांगदा राजे, कश्मीर के युवराज विक्रम सिंह, भांजी मृगंका सिंह एवं उनके पति पटियाला रियासत के निर्वाण सिंह एवं पौत्र महाआर्यमन सिंधिया भी विशेष रूप से मौजूद थे।