ग्वालियर, 5 जुलाई (हि.स.)। कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश के बीच शुक्रवार को कलेक्ट्रेट की सुरम्य पहाड़ी पर शासकीय सेवकों ने अपने परिजनों के साथ सामूहिक रूप से विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे। शासकीय सेवकों ने उत्साहपूर्वक पौधे रोपकर संदेश दिया कि ग्वालियर को हरीतिमा की चादर ओढ़ाने में हम सब भी कंधे से कंधा मिलाकर सहभागी बनेंगे। “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत आयोजित हुए इस सामूहिक पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारंभ कलेक्टर रुचिका चौहान ने अपनी माताजी मीना चौहान के साथ सप्तपर्णी का पौधा रोपकर किया। कलेक्ट्रेट की तलहटी से लेकर कलेक्ट्रेट के मुख्य प्रवेश द्वार तक के मार्ग पर दोनों ओर पौधे रोपने का काम शुक्रवार को किया गया।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि ग्वालियर में अधिक गर्मी व कम वर्षा होने के पीछे पेड़ों की कमी एक प्रमुख वजह है। वर्तमान पर्यावरण में सुधार हो और आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पर्यावरण मिले, यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। इसलिए शासकीय सेवक भी अपने कार्यालय परिसर में ही नहीं घर के आस-पास व अन्य स्थानों पर भी पौधे रोपें और उनकी रक्षा करें। वृक्षारोपण का कार्य हर साल लगातार चलता रहना चाहिए। उन्होंने शासकीय सेवकों का आह्वान करते हुए कहा कि आप सब “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करें, जिससे समाज में पेड़ लगाने व उनकी रक्षा के प्रति सकारात्मक संदेश पहुँचे।
इस अवसर पर अपर कलेक्टर अंजू अरुण कुमार व टीएन सिंह व शहर के सभी एसडीएम सहित कलेक्ट्रेट में संचालित विभिन्न कार्यालयों में पदस्थ जिला स्तरीय अधिकारियों एवं अन्य शासकीय सेवकों ने अपने परिजनों के साथ विभिन्न प्रजातियों के पौधे रोपे। इनमें पीपल, बरगद, आम, जामुन, सहजन, शीशम, कचनार व सप्तपर्णी सहित अन्य फलदार व छायादार प्रजातियों के पौधे शामिल हैं।
शासकीय सेवकों के लिये भी होगी जन-सुनवाई
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत सामूहिक वृक्षारोपण के बाद कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में शासकीय सेवकों के साथ संवाद भी किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि आम आदमी की समस्याओं के निराकरण के लिए आयोजित हो रही जन-सुनवाई की तर्ज पर शासकीय सेवकों की समस्याओं के समाधान के लिये कलेक्ट्रेट में जल्द ही सुनवाई की जायेगी। इसमें शासकीय सेवकों की कार्यालयीन समस्याओं के निराकरण के साथ-साथ उनकी शासन-प्रशासन से संबंधित अन्य समस्याओं का समाधान करने के प्रयास किए जाएंगे।