गुरुग्राम: मेरे लहजे में जी हुजूरी नहीं थी, इससे ज्यादा मेरा कसूर न था: उमेश अग्रवाल

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गुरुग्राम, 5 अगस्त (हि.स.)। आपके सम्मान में-उमेश अग्रवाल मैदान में आशीर्वाद समारोह में उमेश अग्रवाल ने लोगों को विश्वास दिलाया कि वे उनके हित में अपनी आवाज बुलंद करते रहे हैं और करते रहेंगे।

वर्ष 2014 में हरियाणा में अब तक सबसे ज्यादा वोटों चुनाव जीत कर विधायक बनने वाले उमेश अग्रवाल ने शायराना अंदाज में कहा कि-मेरे लहजे में जी हुजूरी नहीं थी, इससे ज्यादा मेरा कसूर न था। पल भर को यदि मैं बेजमीर हो जाता यकीन मानो कब का वजीर हो जाता। उन्होंने कहा कि जनता के हित के मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाना उनकी जिम्मेदारी थी। गुरुग्राम के हित और विकास के लिए आवाज उठाने के लिए उन्हें अपनी ही सरकार में संघर्ष झेलना पड़ा। कई मुद्दों पर उनका तत्कालीन मुख्यमंत्री से भी टकराव हुआ, लेकिन विकास और जनहित पर उन्होंने समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में लोगों का आशियाना उजडऩे नहीं दिया।

पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि अब जनप्रतिनिधि गुरुग्राम के हित की पूरी तरह अनदेखी कर रहे हैं जिसका खामियाजा शहर की जनता को झेलना पड़ रहा है। पूरा शहर गंदगी के ढेर में सांस ले रहा है। जहां देखो वहीं गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। शहर की हर दूसरी गली में सीवर व्यवस्था का बुरा हाल है। थोड़ी सी बारिश में ही शहर की छोटी-बड़ी सभी सडक़ों पर लंबा ट्रैफिक जाम लग जाता है। दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस वे पर तो कई-कई किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है।

उमेश अग्रवाल ने कहा कि यह इस शहर के लोगों का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि गंदगी के ढेर हटवाने के लिए केंद्रीय मंत्री को धरने पर बैठने तक की चेतावनी देनी पड़ी। सरकारी अधिकारी न जनता की सुन रहे हैं न जन प्रतिनिधियों की। सरकारी अधिकारी पूरी तरह बेलगाम हैं। उन्होंने आशीर्वाद समारोह आयोजित करने के लिए कार्यक्रम के संयोजक श्यामलाल बामणिया, संजय और प्रताप सिंह कदम की भरपूर प्रशंसा की।