गुरुग्राम: पूर्व की सरकारों में मुआवजे के लिए किसानों के साथ होता था मजाक: मंत्री संजय सिंह

गुरुग्राम, 18 जून (हि.स.)। हरियाणा के खेल वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय सिंह ने कहा कि पिछले दस वर्ष के शासनकाल में केंद्र व हरियाणा सरकार ने किसान हित में विभिन्न योजनाएं लागू की है। किसानों, पिछड़ों, गरीबों, शोषितों और वंचितों को सम्मान, स्वाभिमान और उनको समाज में बराबरी का दर्जा देने का काम केंद्र व हरियाणा की डबल इंजन की सरकार लगातार कर रही है। वे मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि लाभार्थियों के 17वीं किस्त के हस्तांतरण के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम में बोल रहे थे।

कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा यह कार्यक्रम सेक्टर 44 स्थित अपैरल हाउस में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में वाराणसी में आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया था। खेल मंत्री ने कहा कि आज मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार किसानों की आमदनी कैसे बढ़ें, किसान आत्मनिर्भर कैसे बने, इसके लिए नीतिगत योजनाओं का धरातल पर पूरी तत्परता के साथ क्रियान्वयन कर रही है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को 17वीं किस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा एक क्लिक से किसानों को भेजी गई है। इससे हरियाणा में भी 16 लाख किसानों को 352 करोड़ का फायदा मिलेगा, जिसमें गुरुग्राम के 31 हजार 226 किसान भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में मुआवजे के लिए जहां मजाक किया जाता था। वहीं आज हरियाणा सरकार द्वारा अभी तक 12500 करोड़ रुपए किसानों को फसल खराबे के मुआवजे के तौर पर दिए गए है। खेल मंत्री ने कहा कि आज 14 फसलें सरकार एमएसपी पर खरीद रही है।

मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को आर्थिक संभल देकर मजबूत करने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों में जो योजनाएं प्रत्यक्ष रूप से धरातल लागू नहीं हो पाती थी। आज किसानों को उन्ही योजनाओं का लाभ घर बैठे मिल रहा है। इस अवसर पर पूर्व विधायक बिमला चौधरी, पूर्व विधायक तेजपाल तंवर, सीईओ जिला परिषद जगनिवास, कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. अनिल तंवर, हरियाणा सीएसआर ट्रस्ट हरियाणा के उपाध्यक्ष बोधराज सीकरी, बीडीपीओ नरेश कुमार, स्वच्छ भारत मिशन की जिला कार्यक्रम प्रबंधक पिंकी यादव, भाजपा नेता बेगराज यादव सहित जिले के विभिन्न गांवो से आए किसान व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।