वाराणसी,15 नवम्बर (हि.स.)। कार्तिक पूर्णिमा पर शुक्रवार को धर्म नगरी काशी में सिख धर्म के संस्थापक पहले गुरू नानक देव महाराज का 555वां प्रकाशोत्सव उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया गया। रंग बिरंगी विद्युत झालरों से जगमग गुरूबाग स्थित गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब पाठ की समाप्ति के बाद रागी जत्थे भाई जगतार सिंह और भाई गुरूप्रीत सिंह ने शबद कीर्तन किया। शबद कीर्तन सुनकर श्रद्धालु निहाल हो गए। इसके पहले तड़के 3.45 बजे गुरुग्रंथ साहिब जी का भव्य सुहाना स्वागत फूलों से सजी पालकी में कीर्तन भजन से किया गया। नाम सिमरन, कीर्तन आसा दी वार के बाद अखंड पाठ साहिब दोपहर तक चला।
इसके बाद पंथ के रागी जत्थे ने ‘कल तारण गुरुनानक आया’ ‘बाबा आखै हाजियां शुभ अमलां बाजो दोनों रोयें’ ‘घुर की वाणी आई, तिन सगली चिंता मिटाई’ ‘सतगुरु नानक प्रगट्या मिटी धुंध जग चानण होआ’ आदि गुरुवाणी शबद-कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। प्रकाशोत्सव में गुरुनानक इंग्लिश स्कूल गुरुबाग, गुरुनानक खालसा बालिका इंटर कालेज व गुरुनानक इंग्लिश स्कूल शिवपुर की छात्राओं ने शबद गायन कर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। इसके बाद चले गुरू के अटूट लंगर में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। गुरूद्वारे के मुख्य ग्रंथी भाई रंजीत सिंह एवं मीत ग्रंथी भाई महंत सिंह ने गुरूद्यारे में आए श्रद्धालुओं व संगत का धन्यवाद देकर शुक्राना अदा किया।