गुजरात में मार्च के आखिरी दिनों और अप्रैल की शुरुआत में बेमौसम बारिश का संकट पैदा हो सकता है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वातावरण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए संभावना है कि 29 मार्च से एक अप्रैल तक राज्य के कई जिलों में आंधी-तूफान आ सकता है। हालांकि मौसम विभाग ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
डबल सीज़न का अनुभव
गुजरात में इस समय तापमान बढ़ रहा है, वहीं बेमौसम बारिश के पूर्वानुमान ने लोगों को चिंतित कर दिया है। मार्च के महीने में पश्चिमी विक्षोभ की निरंतर सक्रियता के कारण राज्य में दोहरे मौसम का अनुभव हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 24 मार्च को पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में पहुंचेगा, जिसका असर 26 मार्च से गुजरात में देखने को मिल सकता है। पश्चिमी आर्द्र हवाओं के कारण 29 मार्च से 1 अप्रैल तक मौसम बादल छा सकता है और राज्य के कई इलाकों में 10 मिमी तक बेमौसम बारिश होने की संभावना है।
कौन से क्षेत्र प्रभावित हैं?
यह संभावित आपदा कच्छ, सौराष्ट्र, उत्तर गुजरात और मध्य गुजरात के जिलों को प्रभावित कर सकती है। फिलहाल आसमान गर्म हो रहा है और शहरों में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, लेकिन मार्च के अंत में मौसम में अचानक बदलाव आने की संभावना है। इस दौरान आंधी-तूफान और बारिश हो सकती है, जिससे किसानों को परेशानी हो सकती है।
किसानों के लिए चिंता
मौसम विशेषज्ञ परेश गोस्वामी के अनुसार मार्च के अंत तक मौसम में बदलाव आने की संभावना है, हालांकि अभी यह केवल अनुमान है। इस समय देश के अन्य राज्य जैसे पश्चिम बंगाल और कर्नाटक भी बेमौसम बारिश की आपदा झेल रहे हैं, जो गुजरात के लिए भी एक चेतावनी है। इस समय मंडी में बड़ी मात्रा में माल आ रहा है और यदि बारिश हुई तो किसानों का माल खराब होने का खतरा है।
किसानों को क्या करना चाहिए?
किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे 29 मार्च से 1 अप्रैल तक सतर्क रहें तथा अपनी फसलों और पशुओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रबंध करें। मौसम विभाग के आधिकारिक पूर्वानुमान का इंतजार है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए राज्य में तीन दिन का ‘आसमानी संकट’ किसानों और आम लोगों के लिए चुनौती बन सकता है।