GST Council Meeting: नए साल 2025 में जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर GST में कटौती की सौगात मिल सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 21-22 दिसंबर 2024 को राजस्थान में राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक होने जा रही है. दो दिवसीय इस बैठक में एक दिन वित्त मंत्री राज्यों के वित्त मंत्रियों से वित्तीय वर्ष 2025-26 से पहले बजट को लेकर सुझाव और सिफारिशें लेंगी और एक दिन GST काउंसिल की 55वीं बैठक होगी जिसमें जीवन बीमा के साथ स्वास्थ्य बीमा पर भी GST घटाने का फैसला हो सकता है.
जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में टर्म इंश्योरेंस प्लान पर लगने वाले 18 फीसदी जीएसटी को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। वहीं, 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने वाले सीनियर सिटीजन और दूसरे लोगों के लिए जीएसटी खत्म किया जा सकता है। पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि जीएसटी काउंसिल कुछ उत्पादों और सेवाओं पर जीएसटी दरों को तर्कसंगत बना सकती है और कुछ वस्तुओं पर जीएसटी दरों को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर सकती है।
स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी पर विचार करने के लिए गठित मंत्रियों के समूह ने टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी खत्म करने और वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा को जीएसटी से मुक्त करने पर सहमति जताई है। इसके अलावा, 5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा पर व्यक्तियों द्वारा प्रीमियम भुगतान पर जीएसटी खत्म करने का भी प्रस्ताव है। हालांकि, 5 लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लगता रहेगा। सितंबर 2024 में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में मंत्रियों के समूह को रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था।
जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर, साइकिल, एक्सरसाइज नोटबुक, लग्जरी कलाई घड़ी और जूतों पर जीएसटी दरों में बदलाव का सुझाव दिया है। जीएसटी दर में इस बदलाव से सरकार को 22000 करोड़ रुपये का राजस्व लाभ होगा। मंत्री समूह ने 20 लीटर पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर पर जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी, 10 हजार रुपये से कम कीमत वाली साइकिल पर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है। एक्सरसाइज नोटबुक पर भी जीएसटी दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने का प्रस्ताव है। जबकि 15 हजार रुपये से ज्यादा कीमत वाले जूतों पर जीएसटी दर 18 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी और 25 हजार रुपये से ज्यादा कीमत वाली घड़ियों पर 18 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया गया है।