अमेरिकी राजनीति में भारतीय-अमेरिकियों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में छह भारतीय-अमेरिकी नेताओं ने शपथ ली, जो पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भारतवंशी सांसदों की उपस्थिति को दर्शाता है। इन नेताओं में डॉ. एमी बेरा, सुहास सुब्रमण्यन, श्री थानेदार, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, और प्रमिला जयपाल शामिल हैं।
भारतीय-अमेरिकी सांसदों की ऐतिहासिक संख्या
सांसद डॉ. एमी बेरा ने इस अवसर पर एक तस्वीर साझा करते हुए कहा:
“उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ेगी।”
सुहास सुब्रमण्यन ने पहली बार प्रतिनिधि सभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। उन्होंने अपने परिवार और हाउस स्पीकर माइक जॉनसन के साथ तस्वीर पोस्ट करते हुए इसे “काम का पहला दिन” बताया। वहीं, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, और प्रमिला जयपाल ने लगातार पांचवीं बार शपथ ली।
2020 में चार भारतवंशी सांसद चुने गए थे
2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान चार भारतीय मूल के सांसद प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे:
- डॉ. एमी बेरा
- प्रमिला जयपाल
- रो खन्ना
- राजा कृष्णमूर्ति
चारों ने डेमोक्रेटिक पार्टी से चुनाव जीता था और अब वे अमेरिकी राजनीति में भारतीय समुदाय की महत्वपूर्ण उपस्थिति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
भारतीय-अमेरिकियों का ऐतिहासिक योगदान
दलीप सिंह सौंद (1957): पहले भारतीय-अमेरिकी सांसद
- दलीप सिंह सौंद 1957 में प्रतिनिधि सभा के लिए चुने जाने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी और सिख नेता थे।
- वह डेमोक्रेटिक पार्टी से थे और लगातार तीन कार्यकाल के लिए निर्वाचित हुए।
बॉबी जिंदल (2005-2008): राज्य गवर्नर बनने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी
- बॉबी जिंदल ने 2005 से 2008 तक लुइसियाना के पहले कांग्रेसनल जिले का प्रतिनिधित्व किया।
- बाद में वह लुइसियाना के गवर्नर बने, जो किसी अमेरिकी राज्य का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी थे।
भारतीय-अमेरिकियों का बढ़ता राजनीतिक कद
भारतीय मूल के नेता अमेरिका की मुख्यधारा की राजनीति में तेजी से अपनी पहचान बना रहे हैं। उनकी बढ़ती संख्या न केवल भारतीय समुदाय की बढ़ती ताकत को दर्शाती है, बल्कि अमेरिका में उनकी प्रभावशाली भूमिका को भी उजागर करती है।
- डॉ. एमी बेरा: सबसे लंबे समय तक प्रतिनिधि सभा में सेवा देने वाले भारतीय-अमेरिकी।
- प्रमिला जयपाल: कांग्रेस प्रोग्रेसिव कॉकस की अध्यक्ष।
- रो खन्ना: सिलिकॉन वैली के प्रतिनिधि और आर्थिक सुधारों के समर्थक।
- राजा कृष्णमूर्ति: नीतिगत मामलों और व्यापार पर विशेषज्ञता।
- सुहास सुब्रमण्यन और श्री थानेदार: भारतीय समुदाय की नई आवाज़।