Green Peas Benefits : आलू-मटर हो या परांठे, सर्दियों में क्यों जरूरी है मटर खाना? जानिए 5 बड़े कारण
News India Live, Digital Desk : सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है। बाज़ार जाइए तो हर ठेले पर एकदम ताजी, मीठी और हरी-भरी मटर (Green Peas) सजी हुई दिखती है। हम भारतीयों के लिए सर्दी का मतलब ही होता है धूप में बैठकर मटर छीलना और फिर रात को आलू-मटर, मटर पनीर या मटर पुलाव का मज़ा लेना।
लेकिन दोस्तों, सच बताइए, क्या आप मटर सिर्फ इसलिए खाते हैं क्योंकि ये जुबान को अच्छी लगती है? अगर हां, तो आप इसके असली जादू से अब तक अनजान हैं। यह छोटा सा हरा दाना विटामिन्स और मिनरल्स का ऐसा पावरहाउस है जो आपको कड़कड़ाती ठंड में कई बीमारियों से बचाकर रखता है।
आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर मम्मी सर्दियों में इतना मटर क्यों खिलाती हैं?
1. शाकाहारियों का 'प्रोटीन बूस्टर'
सर्दियों में हम नॉन-वेज या भारी चीजें कम खा पाते हैं, ऐसे में शरीर को प्रोटीन कहां से मिलेगा? हरी मटर प्रोटीन का बहुत ही सस्ता और शानदार जरिया है। इससे आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर में ताकत बनी रहती है।
2. वजन बढ़ने की टेंशन खत्म
सर्दियों में रजाई और परांठे का मेल अक्सर वजन बढ़ा देता है। लेकिन अगर आप अपनी डाइट में मटर शामिल करते हैं, तो टेंशन की कोई बात नहीं। इसमें फाइबर (Fiber) बहुत ज्यादा होता है। थोड़ा सा मटर खाने से ही पेट भरा-भरा लगता है, जिससे आप फालतू की स्नैकिंग से बच जाते हैं और वजन कंट्रोल में रहता है।
3. चेहरे पर आएगा 'नेचुरल ग्लो'
सर्द ठंडी हवाओं से चेहरा रूखा हो जाता है? मटर में ऐसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो खून को साफ करते हैं। इसका नियमित सेवन करने से स्किन अंदर से ग्लो करती है और झुर्रियां (Wrinkles) भी जल्दी नहीं आतीं। यानी ब्यूटी पार्लर का खर्चा भी बचेगा!
4. दिल और शुगर का रखवाला
जिन लोगों को हाई बीपी या कोलेस्ट्रॉल की शिकायत है, उनके लिए यह 'सूपरफूड' है। मटर में मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम दिल को हेल्दी रखते हैं। साथ ही, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, यानी डायबिटीज़ के मरीज भी इसे बिना डरे खा सकते हैं, यह शुगर लेवल को एकदम से बढ़ने नहीं देता।
5. जोड़ों के दर्द में आराम
ठंड में अक्सर जोड़ों का दर्द (Joint Pain) परेशान करता है। हरी मटर में सूजन कम करने की ताकत (Anti-inflammatory गुण) होती है, जो आर्थराइटिस या पुराने दर्द में काफी राहत देती है।
सावधानी (ज़रूरी बात):
दोस्तों, हर चीज़ का एक सही तरीका होता है। मटर को बहुत ज्यादा कच्चा न खाएं, इससे गैस या ब्लोटिंग (Bloating) हो सकती है। हमेशा इसे पकाकर या उबालकर ही खाएं। और अगर आपका यूरिक एसिड बहुत ज्यादा रहता है, तो डॉक्टर से पूछकर ही इसे खाएं।
तो अगली बार जब सब्ज़ी वाले के पास जाएं, तो आधा किलो एक्स्ट्रा मटर ज़रूर डलवा लें। क्योंकि स्वाद के साथ-साथ सेहत भी ज़रूरी है!
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