18वें मुम्बई अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव का समापन बड़े ही शानदार ढंग से हुआ। इस महोत्सव में 12,000 से ज़्यादा डेलिगेट्स ने हिस्सा लिया और यहां पर कुल 314 फ़िल्मों को प्रदर्शित किया गया।
ग़ौरतलब है कि महोत्सव के ताज़ा संस्करण में अभूतपूर्व रूप से डेलिगेट्स ने अपनी भागीदारी दर्शायी और विभिन्न तरह की स्क्रीनिंग, परिचर्चाओं व मास्टरक्लास में भाग लेकर इस आयोजन को सफल बनाया।
इस महोत्सव के माध्यम से मुंबई समेत दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और पुणे जैसे शहरों में कुल 59 देशों की फ़िल्मों को प्रदर्शित किया गया।
महोत्सव के समापन के ख़ास मौके पर फ़ेस्टिवल डायरेक्टर और (एनएफडीसी) के मैनेजिंग डायरेक्टर पृथुल कुमार ने इस साल लोगों की ओर से मुम्बई अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म महोत्सव को मिले भारी प्रोत्साहन पर अपनी ख़ुशी जताई। उन्होंने कहा, “इतनी भारी तादाद में लोगों की हिस्सेदारी से यह बात साफ़ हो जाती है कि डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फ़िल्मों और एनिमेशन फ़िल्मों में लोगों की रुचि तेज़ी से बढ़ रही है। एमआईएफएफ की सफलता का श्रेय कार्यक्रम के आयोजन की पुख़्ता व्यवस्था और भविष्य में आयोजित किये जाने वाले संस्करणों के लिए नये मापदंडों को स्थापित करने की कोशिशों को भी दिया जाना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि रिची मेहता, संतोष सिवन, डेनिअला वॉकर, केतन मेहता, तुषार हीरानंदानी, एल्फ़ोन्स रॉय, टी. एस. नागाभरना जैसी कई बड़ी हस्तियों ने इस महोत्सव में शिरकत की और आयोजन की शोभा बढ़ाई। आयोजन के दौरान बढ़िया इंतजाम, चाक-चौबंद सुरक्षा, एक्सेसबिलिटी में आसानी और बारिश से बचाव से पुख़्ता बंदोबस्त के लिए भी 18th MIFF के आयोजन की ख़ूब प्रशंसा हुई। विशेष रूप से सहायता पहुंचाने के लिए स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण मुहैया कराना, पूरे महोत्सव स्थल पर रैम्प की सटीक व्यवस्था करने से इसमें शिरकत करने वालों के अनुभवों को और भी ख़ुशनुमां बना दिया।
इस महोत्सव के आयोजन के दौरान पहली बार डॉक्यू बाज़ार के आयोजन की व्यवस्था की गई थी। जहां 108 परियोजनाओं को गतिशील रूप में व्यूइंग रूम में देखा गया, वहीं कुल 63 प्रविष्टियों में से 16 परियोजनाओं को को-प्रोडक्शन के लिए चुना गया। इस साल आयोजित डॉक्यू बाज़ार में 15 निर्माताओं ने डॉक्यूमेंट्री फ़िल्मों, शॉर्ट फ़िल्मों और एनिमेशन फ़िल्मों के निर्माण में रुचि दर्शायी।