शिक्षकों की ग्रेच्युटी: इलाहाबाद विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेजों में 2004 के बाद नियुक्त शिक्षकों और कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत ग्रेच्युटी मिलेगी। यह निर्णय शनिवार को नॉर्थ हॉल में कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कार्य परिषद की बैठक में लिया गया। पीआरओ प्रो जया कपूर ने बताया कि इसके तहत विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के एक हजार से अधिक शिक्षक और कर्मचारी लाभान्वित होंगे. यह निर्णय यूजीसी के अनुरूप लिया गया है। इससे पहले नई पेंशन योजना से जुड़ने वालों के लिए ग्रेच्युटी का कोई प्रावधान नहीं था.
बैठक में सीबीसीएस, सांख्यिकी, मनोविज्ञान के 25 शिक्षकों की सेवा दो वर्ष के लिए तथा 269 शिक्षकेतर कर्मचारियों की एक वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूरी करने के बाद सेवा संपुष्ट करने पर सहमति बनी. साथ ही परीक्षा समिति द्वारा प्रस्तावित एवं एकेडमिक काउंसिल द्वारा पारित परीक्षा संबंधी कार्यों के लिए मानदेय में परिवर्तन को भी मंजूरी दे दी गयी. अब बढ़ी दरों पर मानदेय दिया जाएगा। उधर, पीआरओ ने बताया कि बेबुनियाद मुकदमा दर्ज कराने के मामले में डॉ. दीपशिखा सोनकर को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्णय बैठक में लिया गया. कुलसचिव प्रो. एनके शुक्ला एवं डॉ. दीपाली पंत जोशी ने कुलपति को पुष्प भेंट किये।
साढ़े तीन साल तक सौंपी रिपोर्ट
बैठक में कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव द्वारा पिछले साढ़े तीन वर्षों में किये गये कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी. 320 शिक्षकों एवं 375 गैर-शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है, 103 शिक्षकों एवं 127 गैर-शिक्षकों को प्रोन्नति दी गयी है. इसके अलावा परिसर में निर्मित भवनों, छात्रावासों और बुनियादी ढांचे पर प्रकाश डाला गया।