बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता गोविंदा ने हाल ही में अपने पुराने कोर्ट केस को लेकर खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 2008 में ‘मनी है तो हनी है’ के सेट पर हुई एक घटना के कारण उन पर केस दर्ज हुआ था। इस केस को स्टिंग ऑपरेशन की मदद से हल करने की कहानी अब पहली बार सामने आई है।
क्या था पूरा मामला?
- साल 2008 में, संतोष नामक व्यक्ति गोविंदा की फिल्म ‘मनी है तो हनी है’ के सेट पर पहुंचा।
- किसी बात पर संतोष और गोविंदा के बीच बहस हो गई, जिसके बाद गोविंदा ने उसे थप्पड़ जड़ दिया।
- इसके बाद संतोष ने गोविंदा के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज करा दिया।
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कैसे सुलझा केस?
गोविंदा ने इस मामले पर बात करते हुए मुकेश खन्ना के शो में खुलासा किया कि:
“यह केस मेरे लिए लकी साबित हुआ। सेट पर एक व्यक्ति गलत व्यवहार कर रहा था, तो मैंने उसे थप्पड़ मार दिया। उसने मेरे खिलाफ केस दर्ज कर दिया।”
- मामला कोर्ट में लंबे समय तक चला, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
- एक दोस्त की सलाह पर गोविंदा ने संतोष का स्टिंग ऑपरेशन करने की योजना बनाई।
- उन्होंने संतोष से बातचीत रिकॉर्ड कर ली, जिसमें वह केस वापस लेने के बदले 3-4 करोड़ रुपये की मांग कर रहा था।
- गोविंदा ने यह रिकॉर्डिंग कोर्ट में जमा कर दी, जिससे केस की दिशा बदल गई।
क्यों मारा था थप्पड़?
गोविंदा ने बताया कि उन्होंने संतोष को थप्पड़ इसलिए मारा था, क्योंकि वह सेट पर मौजूद महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार कर रहा था।
“जो लोग मेरी वजह से खड़े हैं, वही मुझे गिराने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन मैं चुप नहीं बैठ सकता था।”
कोर्ट का फैसला
- 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने गोविंदा को संतोष से माफी मांगने का आदेश दिया।
- गोविंदा द्वारा पेश की गई रिकॉर्डिंग के बाद संतोष ने मुआवजे की मांग वापस ले ली।
- इसके बाद मामला खत्म हो गया।