राज्यपाल का मंत्री को शपथ दिलाने से इनकार, स्टालिन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किया समर्पण

राज्यपाल आर.एन. तमिलनाडु सरकार ने रवि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल सुनवाई की मांग की है.

आवेदन क्यों करें?

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि से डीएमके के वरिष्ठ नेता के पोनमुडी को मंत्री पद की शपथ दिलाने की अपील की, लेकिन राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सिफारिश मानने से इनकार कर दिया. राज्य सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

क्या लिखा है आवेदन में?

तमिलनाडु सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया. सिंघवी ने याचिका में कहा है कि राज्यपाल ने फिर से वैसा ही किया है जैसा पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई की थी. कोर्ट ने पोनमुडी की सजा पर रोक लगा दी. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से उन्हें मंत्री नियुक्त करने की सिफारिश की लेकिन राज्यपाल ने पोनमुडी की मंत्री पद पर नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए मुख्यमंत्री की सिफारिश मानने से इनकार कर दिया।

डीएमके ने मांगा इस्तीफा

तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके ने मुख्यमंत्री की सिफारिश मानने से इनकार करने पर राज्यपाल आरएन रवि से इस्तीफे की मांग की है. डीएमके प्रवक्ता सर्वानन अन्नादुरई ने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए पोस्ट में लिखा कि राज्यपाल का व्यवहार दिन-ब-दिन खराब होता जा रहा है. वह राज्यपाल के पद के लिए शर्मिंदगी की बात है।’ वह कानून के मुताबिक और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं. उच्चतम न्यायालय ने पोनमुडी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है, जिससे उनकी विधानसभा में बहाली हो गयी है। विधायक बन जाने पर उन्हें मंत्री पद के लिए अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने अपने कई फैसलों में यह बात साफ कर दी है.