बढ़ी सरकार की टेंशन! अब निजी कंपनी के कर्मचारियों की पेंशन की मांग बढ़ी

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निजी कंपनी के कर्मचारियों का विरोध: 30 से 35 साल तक निजी कंपनियों में काम करने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को आज 1500 से 2500 रुपये पेंशन मिलती है। लेकिन गुजरात समेत पूरे भारत के पेंशनभोगी इस पेंशन को बढ़ाकर न्यूनतम 7500 से 9500 रुपये पेंशन और महंगाई भत्ते की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं. इस मामले में गुजरात समेत कई राज्यों से जुटे कर्मचारी दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं. वे भारत सरकार के समक्ष मांग कर रहे हैं कि उन्हें अतिरिक्त पेंशन लाभ दिया जाए और स्वास्थ्य बीमा या मुफ्त इलाज प्रदान किया जाए।

निजी कंपनियों के कर्मचारियों की पेंशन के लिए लड़ें लड़ाई

पेंशन के लिए संघर्ष कर रहे समूह के राजेश देसाई का कहना है कि वर्ष 1995 की सालमी पेंशन योजना के अनुसार कर्मचारी या श्रमिक के मूल वेतन से अधिकतम 3500 मूल वेतन की गणना कर पेंशन का निर्धारण किया जा रहा है. इससे कर्मचारी या श्रमिक को 1000 से 2500 रुपये तक पेंशन मिल रही है. लगातार बढ़ती महंगाई के इस दौर में पेंशन का यह मानक हास्यास्पद है। पेंशन की इतनी रकम से कोई गुजारा नहीं कर सकता. साथ ही उनके भोजन का खर्च भी नहीं दिया जा सकता. वहीं, सरकार में काम करने वाले कर्मचारियों को 30,000 रुपये से 1,00,000 रुपये तक मासिक पेंशन मिलती है।

 

 

सरकारी कर्मचारियों को उनके द्वारा किये गये कार्य को सेवा मानकर जीवन की संध्या बेला में क्षतिपूर्ति करने हेतु अच्छी पेंशन दी जाती है। इससे उन्हें महंगाई भत्ते का भी लाभ मिलता है. दैनिक भत्ता भी देता है. इसके विपरीत, निजी कंपनियों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों या श्रमिकों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है।

मुफ्त इलाज की मांग

उन्हें कर्मचारी भविष्य निधि से मौजूदा पेंशन का कम से कम चार से पांच गुना मिलना जरूरी है। साथ ही निजी कंपनियों के सेवानिवृत्त श्रमिकों-कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा और मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाए। भारत में कम पेंशन योग्य आय प्राप्त करने वाले श्रमिकों या कर्मचारियों की संख्या 50 से 60 लाख से अधिक होने का अनुमान है। गुजरात में इनकी संख्या लगभग 1.20 लाख है, जबकि राज्य में इनकी कुल संख्या लगभग 5 लाख है। लाखों कर्मचारियों को परेशान करने वाले इस सवाल को लेकर सुप्रिया सुले ने संसद में आक्रामक प्रेजेंटेशन भी दिया. गुजरात समेत देश के सभी राज्यों के पेंशन धारकों के प्रतिनिधि इस समय दिल्ली के रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार ने उन्हें बातचीत के लिए बुलाया है.