गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संसद में एक नई सहकारी टैक्सी सेवा शुरू करने की घोषणा की। इस योजना के तहत कार, ऑटो और बाइक टैक्सी चलाने वाले लोग रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे, जिससे उन्हें होने वाला पूरा मुनाफा सीधे मिलेगा और किसी प्रकार का कमिशन नहीं लिया जाएगा। यह पहल ओला-उबर जैसी कंपनियों के मौजूदा मॉडल से अलग होगी, जिसमें ड्राइवरों को कमाई का बड़ा हिस्सा कंपनियों को देना पड़ता है।
ड्राइवरों के लिए सहकारिता क्रांति
अमित शाह ने संसद में कहा,
“अब तक टैक्सी सेवाओं से होने वाला मुनाफा बड़े व्यापारियों और कंपनियों के हाथों में जाता था, जबकि ड्राइवरों को कम लाभ मिलता था। हमारी नई योजना से यह स्थिति बदलेगी और ड्राइवरों को उनका पूरा हक मिलेगा। यह सहकारिता क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही एक सहकारी बीमा कंपनी भी शुरू होगी, जो भविष्य में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी बन सकती है।
कैसे बदलेगी यह योजना टैक्सी उद्योग?
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कोई कमीशन नहीं: ड्राइवरों को अपने किराए का कोई हिस्सा किसी कंपनी को नहीं देना होगा।
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सीधी कमाई: पूरी कमाई सीधे ड्राइवर के खाते में जाएगी।
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रजिस्ट्रेशन सिस्टम: चार पहिया टैक्सी, ऑटो और बाइक टैक्सी वाले ड्राइवर इस सेवा में शामिल हो सकेंगे।
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सस्ती सवारी: ग्राहकों को अधिक किफायती परिवहन सेवाएं मिलेंगी।
बड़े शहरों में राहत
यह योजना दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में परिवहन व्यवस्था में बड़ा सुधार ला सकती है। अभी तक ओला और उबर जैसी सेवाओं पर निर्भरता थी, लेकिन बढ़ते कमीशन और घटती कमाई से ड्राइवरों की परेशानी बढ़ गई थी।
अब इस नई सहकारी सेवा के तहत ड्राइवरों को अधिक लाभ मिलेगा और ग्राहकों को भी बेहतर और किफायती सेवाएं मिलेंगी। अमित शाह के इस ऐलान से टैक्सी उद्योग में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है।