सरकार कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए छह साल पुरानी नीति की समीक्षा करेगी

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मुंबई: सरकार बदलती वैश्विक बाजार गतिशीलता के मद्देनजर छह साल पुरानी कृषि निर्यात नीति की समीक्षा करने पर विचार कर रही है। सरकार का मानना ​​है कि भारत के कृषि निर्यात को बढ़ाने के प्रयास जरूरी हैं। कृषि निर्यात नीति की समीक्षा के पीछे का उद्देश्य देश के कृषि क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, वैश्विक मानकों का अनुपालन करना और मूल्यवर्धित उत्पादों को बढ़ावा देना है। 

सरकारी सूत्रों ने कहा कि सरकार पारंपरिक भागीदारों के साथ निर्यात संबंध बनाए रखते हुए देश के कृषि उत्पादों को उभरते बाजारों में स्थापित करना चाहती है। 

बदलती बाजार मांग को ध्यान में रखते हुए कृषि निर्यात नीति की समीक्षा करनी होगी ताकि निर्यात लक्ष्य हासिल किये जा सकें। भारत का कृषि निर्यात का आंकड़ा जो वित्तीय वर्ष 2023 में 51.12 बिलियन डॉलर था, वह वित्तीय वर्ष 2024 में घटकर 48.77 बिलियन डॉलर हो गया। 

सूत्रों ने कहा कि सरकार का मानना ​​है कि वैश्विक मांग में बदलाव, व्यापार साझेदारी में विस्तार और कृषि क्षेत्र में तकनीकी विकास ने कृषि निर्यात पैटर्न और प्रतिष्ठानों को प्रभावित किया है। 

कृषि निर्यात नीति की समीक्षा से मौजूदा नीति के लाभों और सुधार के क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। भारत के कृषि निर्यात में चावल, फल, चाय, कॉफी, गेहूं आदि शामिल हैं। हालाँकि, वैश्विक स्तर पर उत्पन्न भू-राजनीतिक प्रतिकूलता के कारण कृषि निर्यात प्रभावित हुआ है।