प्रयागराज, 15 नवम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जम्मू से इलेक्ट्रिक वाहन खरीद कर उत्तर प्रदेश में चलाने पर रोड टैक्स में छूट की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है।
याची का कहना था कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर सरकार ने टैक्स छूट दी है, जबकि अन्य राज्य में खरीदने पर छूट न देना, विभेदकारी है। कोर्ट ने कहा कि राज्य के भीतर वाहन खरीदने पर राज्य को राजस्व प्राप्त होता है। दूसरे राज्य से वाहन खरीदने पर राजस्व का नुकसान होता है। राज्य में वाहन खरीदने पर रोड टैक्स में छूट की शर्त लगाना राज्य की शक्ति में है। इसे अनुचित नहीं कहा जा सकता है।
मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली तथा न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने मैसर्स बत्रा हेनले केबल्स की याचिका पर यह आदेश दिया। याची ने जम्मू से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदा और उत्तर प्रदेश में पंजीकृत कराया है। उसे रोड टैक्स के रूप में एक लाख 91 हजार 9 सौ रुपये भुगतान करना था। जबकि उत्तर प्रदेश की अधिसूचना के तहत जिन लोगों ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे हैं, उन्हें रोड टैक्स की छूट दी जा रही है। याची ने रोड टैक्स का भुगतान करने से इन्कार कर दिया। कहा उसे भी छूट दी जाय। अधिनियम की शर्त को मनमाना विभेदकारी बताया गया, जिसके तहत उत्तर प्रदेश राज्य में ही वाहन खरीदने पर टैक्स में छूट देने की व्यवस्था है।
राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने दलील दी कि याची को छूट मांगने का कोई अधिकार नहीं है। छूट देने की शर्तों को राज्य ने अधिनियम में शामिल किया है। राज्य में वाहन खरीदने पर राज्य को जीएसटी का हिस्सा मिलता है। जबकि राज्य के बाहर से वाहन खरीदने पर राज्य को कोई लाभ नहीं मिलता है। इसलिए लगाई गई शर्त को अवैध नहीं कहा जा सकता।