अहमदाबाद. बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत की न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी की आवश्यकता का पालन करने की समय सीमा अगस्त 2024 तक बढ़ा सकता है। सूत्रों के मुताबिक ऐसी छूट इसलिए दी जाएगी ताकि पीएसयू बैंक और कंपनियां चरणबद्ध तरीके से धीरे-धीरे इस शर्त का पालन कर सकें. फिलहाल ये बैंक क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए फंड जुटा रहे हैं और इस प्रक्रिया में बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी भी धीरे-धीरे कम हो रही है। सूत्रों ने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयर सीधे इश्यू के जरिए बेचने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। फिलहाल पांच सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 75 फीसदी से ज्यादा है, जिनमें इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं. इन पांच बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी का मूल्य मौजूदा बाजार दर पर रु। 65,000 करोड़.