राजस्थान से मिली गुड न्यूज, तो बिहार ने दिया दर्द ,अशोक गहलोत के लिए कैसा रहा नतीजों का दिन?

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News India Live, Digital Desk: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए मंगलवार का दिन मिली-जुली भावनाओं वाला रहा। एक तरफ जहां वे बारां की अंता विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत से बेहद खुश नजर आए, तो वहीं दूसरी ओर बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने उनकी खुशी में थोड़ा गम भी घोल दिया। गहलोत ने अंता की जीत को अपनी सरकार के सुशासन पर जनता की मुहर बताया, लेकिन बिहार में महागठबंधन की हार पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप मढ़ दिए।

अंता की जीत पर क्या बोले गहलोत?

अंता में कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया की जीत की खबर मिलते ही अशोक गहलोत ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "अंता से जो रुझान आ रहे हैं, वे बेहद उत्साहजनक हैं। यह हमारी पिछली सरकार के कामों पर जनता के विश्वास की जीत है।" उनका बयान यह संकेत दे रहा था कि प्रदेश में नई सरकार बनने के कुछ ही महीनों बाद जनता ने कांग्रेस के पक्ष में फैसला सुनाया है।

बिहार के नतीजों पर छलका दर्द, लगाए गंभीर आरोप

जब पत्रकारों ने गहलोत से बिहार चुनाव के नतीजों पर सवाल किया, तो उनका दर्द और गुस्सा खुलकर सामने आ गया। उन्होंने बिहार के नतीजों को निराशाजनक करार देते हुए कहा कि वहां चुनाव जीतने के लिए धन-बल का खुला खेल खेला गया।

गहलोत ने एक सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा, "बिहार में महिलाओं को 10-10 हजार रुपये बांटे गए। चुनाव के दौरान, वोटिंग से ठीक एक दिन पहले तक खातों में पैसे डाले जा रहे थे। ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ।"

उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए। गहलोत ने कहा, "चुनाव आयोग तो मूकदर्शक बनकर बैठा रहा। यह जो पेंशन और पैसा बांटा गया, यह वोट की चोरी ही तो है। आयोग को इस पर रोक लगानी चाहिए थी, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया।" उन्होंने कहा कि इस तरह के हथकंडों का मुकाबला कांग्रेस-आरजेडी जैसी पार्टियां नहीं कर सकतीं क्योंकि उनके पास इतना पैसा नहीं है।

कुल मिलाकर, एक ही दिन में अशोक गहलोत ने सियासत के दो अलग-अलग रंग देखे। अंता की जीत ने जहां राजस्थान में कांग्रेस को नई ऊर्जा दी है, वहीं बिहार की हार और उस पर गहलोत के गंभीर आरोपों ने राष्ट्रीय राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है।

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