गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखा पत्र

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नई दिल्ली, 20 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली एनसीआर में सर्दियों के दौरान प्रदूषण की समस्याओं को देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है। इसमें सर्दियों के मौसम से कुछ महीने पहले राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर पड़ोसी राज्यों से प्रदूषण के स्रोतों के मुद्दे पर चर्चा करने और पड़ोसी राज्यों के सहयोग से एक एकीकृत रणनीति विकसित करने के लिए बैठक बुलाने का अनुरोध किया है।

राय ने केंद्र सरकार से प्रदूषण के सीमा पार स्रोतों को संबोधित करने के लिए दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्यों के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान करके मजबूत कार्रवाई करने का आग्रह किया है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि दिल्ली सरकार के प्रयासों और वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार के बावजूद राज्य के नियंत्रण से परे कारकों के कारण हवा खतरनाक बनी रहती है, जिसमें फसल अवशेष जलाना, थर्मल प्लांट, ईंट भट्टे, डीजल जनरेटर, गैर-इलेक्ट्रिक वाहन और औद्योगिक उत्सर्जन शामिल हैं। पड़ोसी राज्यों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए और समय रहते उपाय करने की जरूरत है।

पत्र में गोपाल राय ने जिक्र किया है कि विशेष रूप से दिल्ली सरकार के ठोस प्रयासों के कारण, दिल्ली की समग्र वायु गुणवत्ता में सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। 2017 में (152 दिन) से 2023 (206 दिन) तक अच्छी/मध्यम वायु गुणवत्ता वाले दिनों में 35.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए ऑड-इवन योजना, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने, पटाखों पर प्रतिबंध लगाने, बड़े पैमाने पर पौधरोपण अभियान चलाने और औद्योगिक इकाइयों को स्वच्छ पीएनजी ईंधन पर स्विच करने जैसी पहलों के माध्यम से प्रदूषण पर नियंत्रण किया है।

सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट का डेटा के अनुसार, दिल्ली में 31 फीसदी प्रदूषण दिल्ली के आंतरिक स्रोतों की वजह से होता है। जबकि, 69 फीसदी बाहरी स्रोतों की वजह से है। सलाह के तौर पर दिल्ली के आसपास पॉल्यूटिंग ईंधन से चल रही इंडस्ट्री को पीएनजी में शिफ्ट किया जाए। ईंट भट्ठे को जिग-जैग तकनीक में बदला जाए। 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाए, ताकि जेनरेटर की जरूरत न पड़े। एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए, इसका जिक्र है।