अगर आप भी गूगल मैप्स का इस्तेमाल करते हैं और अपने मैप हिस्ट्री को लेकर चिंतित हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि गूगल मैप्स की प्राइवेसी अब और बेहतर हो जाएगी। गूगल अब लोकेशन डेटा को लेकर नई योजना बना रहा है।
नई रिपोर्ट के मुताबिक, अब गूगल मैप्स में यूजर का डेटा स्टोर नहीं होगा। पहले यूजर की लोकेशन हिस्ट्री गूगल मैप्स के सर्वर पर स्टोर होती थी, लेकिन अब हिस्ट्री डेटा यूजर के डिवाइस यानी फोन पर स्टोर होगी। गूगल मैप्स ने लोकेशन हिस्ट्री का नाम भी बदलकर टाइमलाइन कर दिया है। गूगल के इस फीचर को जारी करने की तारीख 1 दिसंबर 2024 तय की गई है।
गूगल मैप्स के नए अपडेट के फायदे
गूगल मैप्स का यह फीचर प्राइवेसी के लिए है। सर्वर पर डेटा होने की वजह से डेटा लीक होने का खतरा रहता है, लेकिन डिवाइस पर स्टोर होने के बाद यह खतरा कम हो जाता है। कई बार यूजर कमजोर नेटवर्क की वजह से अपनी लोकेशन हिस्ट्री नहीं देख पाते, लेकिन डिवाइस पर स्टोर होने के बाद हिस्ट्री देखने के लिए नेटवर्क की जरूरत नहीं पड़ेगी।
गूगल ने मैप्स के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन भी पेश किया है, जो यूजर्स के डेटा के लिए एक नई सुरक्षा परत है। फिलहाल यह फीचर सिर्फ ऐप के लिए ही जारी किया जा रहा है। अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि इसे वेब वर्जन के लिए जारी किया जाएगा या नहीं।