PF धारकों के लिए खुशखबरी! सरकार बढ़ा सकती है PF धारकों को दी जाने वाली पेंशन, मृत्यु के बाद बच्चों को मिलेगी रकम

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नई दिल्ली। सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की पेंशन में बड़े बदलाव कर इसे आकर्षक बनाने के प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इस क्रम में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव ईपीएफ पेंशनधारक की मृत्यु के बाद उसके बच्चों और उसके जीवन साथी को पेंशन कोष में जमा राशि देने का है।

अंशदान बढ़ाने के विकल्प पर भी चर्चा

श्रम मंत्रालय ईपीएफ सदस्यों को पेंशन योजना से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने के इस प्रस्ताव को बहुत महत्वपूर्ण मानता है। मंत्रालय लंबी सेवा अवधि के बाद भी कम पेंशन को तर्कसंगत बनाने पर विचार कर रहा है, जिसमें वर्तमान में एक हजार रुपये की न्यूनतम पेंशन राशि को बढ़ाने का प्रस्ताव भी शामिल है। ईपीएफ के तहत सामाजिक सुरक्षा के ढांचे को मजबूत करने के लिए श्रम मंत्रालय ईपीएस-1995 योजना के तहत सदस्यों को उच्च पेंशन के लिए अपने ईपीएस फंड में अपना योगदान बढ़ाने का विकल्प देने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता

सूत्रों के अनुसार पेंशन सुधारों से संबंधित इन परामर्शों के दौरान कर्मचारी भविष्य निधि से जुड़ी पेंशन योजना को आकर्षक बनाने के साथ-साथ इसके सदस्यों की चिंताओं को दूर करने की जरूरत बताई गई। शीर्ष स्तर पर हुई चर्चा के दौरान यह साफ तौर पर कहा गया कि बड़ी संख्या में ईपीएफ सदस्य इस दुविधा में हैं कि पेंशन फंड में जमा उनका पैसा पेंशन लाभ मिलने के बाद वापस नहीं मिल पाएगा।

मृत्यु होने पर मिलेगी पारिवारिक पेंशन

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार की राय स्पष्ट है कि पेंशन कोष की राशि उसके सदस्यों की है। ऐसे में इस दुविधा को खत्म करने के लिए जरूरी सुधारों के साथ ही यह स्पष्ट करना होगा कि पेंशन कोष में जमा राशि से उन्हें पेंशन मिलेगी और उनकी मृत्यु के बाद पति या पत्नी में से किसी को पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलेगा। दोनों की मृत्यु के बाद पेंशन कोष की शेष राशि उनके नामांकित-आश्रित बच्चों को दी जाएगी।

न्यूनतम राशि की समीक्षा की बात

मंत्रालय का मानना ​​है कि ईपीएस के स्वरूप में इस बड़े बदलाव के बाद इसके सदस्यों का इस पेंशन योजना के प्रति आकर्षण निश्चित रूप से बढ़ेगा।पेंशन को युक्तिसंगत बनाने के विकल्पों के बारे में अधिकारी ने कहा कि श्रम मंत्रालय और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन दोनों ही पेंशन की मौजूदा न्यूनतम राशि की समीक्षा के पक्ष में हैं।

यह भी जरूरी समझा जा रहा है कि शीर्ष अदालत के फैसले के परिप्रेक्ष्य में एक तरफ लोगों को ईपीएफ के तहत ज्यादा पेंशन मिलने लगी है, वहीं दूसरी तरफ कई लोगों को सालों नौकरी करने के बाद भी कम पेंशन मिल रही है। ऐसे में लंबी सेवा अवधि को कारक बनाना जरूरी है, ताकि इस पेंशन को तर्कसंगत बनाया जा सके।

वर्तमान में केवल हजार रुपए पेंशन दी जाती है

ईपीएफ के तहत न्यूनतम पेंशन सिर्फ एक हजार रुपये मासिक है और सुधारों के तहत इसकी समीक्षा करते हुए इसमें उल्लेखनीय वृद्धि की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, न्यूनतम मासिक पेंशन में वृद्धि की कोई राशि तय नहीं की गई है, लेकिन मंत्रालय से मिले संकेतों के अनुसार इसे सम्मानजनक बनाने पर विचार किया जा रहा है।