नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। इन्वेस्टमेंट फर्म गोल्डमैन सैक्स ने इंडियन इक्विटीज की रेटिंग घटा कर न्यूट्रल कर दी है। इसके पहले भारतीय शेयरों की रेटिंग ओवरवेट कैटेगरी में थी। गोल्डमैन सैक्स की ओर से कहा गया है कि अगले 3 से 6 महीने की अवधि में टाइम करेक्शन की संभावना को देखते हुए भारतीय शेयरों की रेटिंग को ओवरवेट से घटा कर न्यूट्रल करने का फैसला लिया गया है।
इन्वेस्टमेंट फर्म का मानना है की डोमेस्टिक इनफ्लो और हाई वैल्यूएशन के कारण प्राइस करेक्शन की संभावना भी बनी हुई है। इसके साथ ही वैश्विक परिस्थितियों के ज्यादा अनुकूल नहीं होने की वजह से भारतीय बाजार में तेजी की संभावना भी सीमित होगी। गोल्डमैन सैक्स की ओर से कहा गया है कि भारतीय शेयरों का ढांचागत आकर्षण लगातार बना हुआ है, लेकिन इकोनामिक ग्रोथ और प्रॉफिट के मोर्चे पर सस्ती नजर आ रही है। ज्यादातर कंपनियों को लगातार घट रहे प्रॉफिट मार्जिन, प्रोडक्ट के डिमांड में कमी और हाई बेस की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से सितंबर में खत्म हुई तिमाही की अर्निंग ग्रोथ कोरोना काल के बाद के सबसे निचले स्तर पर पहुंच सकती है। इन्वेस्टमेंट फर्म गोल्डमैन सैक्स ने इस बात की भी आशंका जताई है कि आने वाले समय में अर्निंग ग्रोथ से संबंधित चुनौतियां और बढ़ सकती हैं।
अपने अलग-अलग मापदंडों का उल्लेख करते हुए गोल्डमैन सैक्स में निफ्टी के लिए अगले 12 महीने का टारगेट 27,000 अंक कर दिया है, जो गोल्डमैन सैक्स के पिछले अनुमान 27,500 से कम है। इसके साथ ही इस इन्वेस्टमेंट फर्म को शॉर्ट टर्म में निफ्टी के 24,500 तक पहुंचने और अगले 6 महीने में बढ़ कर 25,500 तक पहुंचने का अनुमान है।
गोल्डमैन सैक्स ने टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल और इंश्योरेंस को लेकर ओवरवेट रेटिंग पहले की तरह बरकरार रखी है, जबकि रियल्टी सेक्टर को अपग्रेड करके ओवरवेट कैटेगरी में ला दिया है। दूसरी ओर फाइनेंशियल, इंडस्ट्रियल, केमिकल और सीमेंट सेक्टर को इस इन्वेस्टमेंट फर्म ने डाउनग्रेड कर दिया है।