
ट्रंप के टैरिफ के ऐलान ने न केवल वैश्विक शेयर बाजारों को हिला दिया बल्कि भारत में सोना और चांदी की कीमतों में भी बड़ा बदलाव देखा गया। इस फैसले के असर से निवेशकों की दिलचस्पी एक बार फिर से सुरक्षित निवेश यानी गोल्ड की ओर बढ़ गई है। नतीजतन, सोने और चांदी के दामों में तेज उतार-चढ़ाव देखा गया।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार शुक्रवार, 4 अप्रैल को 24 कैरेट सोने की कीमत घटकर ₹91,014 प्रति 10 ग्राम हो गई थी। चांदी की कीमत भी गिरकर ₹92,910 प्रति किलो पर आ गई। शनिवार और रविवार को बाजार बंद रहने के कारण रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ और आज सोमवार, 7 अप्रैल 2025 को बाजार खुलने तक यही रेट प्रभावी रहेगा।
अब बात करते हैं सोने की अलग-अलग कैरेट के दामों की और जानिए आपके शहर में क्या है आज का सोने का भाव।
आज के सोने-चांदी के दाम (7 अप्रैल 2025, सोमवार)
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी ताज़ा रेट:
सोने की शुद्धता | सुबह का रेट (₹ प्रति 10 ग्राम) |
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999 (24K Pure) | ₹91,014 |
995 | ₹90,650 |
916 (22K) | ₹83,369 |
750 (18K) | ₹68,261 |
585 (14K) | ₹53,243 |
चांदी (999) | ₹92,910 प्रति किलो |
शहरों में 22 कैरेट, 24 कैरेट और 18 कैरेट सोने के भाव (7 अप्रैल 2025)
शहर का नाम | 22 कैरेट (₹) | 24 कैरेट (₹) | 18 कैरेट (₹) |
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चेन्नई | ₹83,090 | ₹90,650 | ₹68,440 |
मुंबई | ₹83,090 | ₹90,650 | ₹67,980 |
दिल्ली | ₹83,240 | ₹90,800 | ₹68,110 |
कोलकाता | ₹83,090 | ₹90,650 | ₹67,980 |
अहमदाबाद | ₹83,140 | ₹90,700 | ₹68,030 |
जयपुर | ₹83,240 | ₹90,800 | ₹68,110 |
पटना | ₹83,140 | ₹90,700 | ₹68,030 |
लखनऊ | ₹83,240 | ₹90,800 | ₹68,110 |
गाजियाबाद | ₹83,240 | ₹90,800 | ₹68,110 |
नोएडा | ₹83,240 | ₹90,800 | ₹68,110 |
अयोध्या | ₹83,240 | ₹90,800 | ₹68,110 |
गुरुग्राम | ₹83,240 | ₹90,800 | ₹68,110 |
चंडीगढ़ | ₹83,240 | ₹90,800 | ₹68,110 |
भारत में सोने की कीमतों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक
भारत में सोने की कीमतें केवल बाजार की मांग और आपूर्ति पर निर्भर नहीं करतीं। इसके पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक होते हैं, जो रोजाना इसकी कीमतों को ऊपर-नीचे करते हैं।
1. अंतरराष्ट्रीय बाजार का असर
सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों का भारत की दरों पर सीधा असर पड़ता है। अगर ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत में भी उसका असर दिखता है। अमेरिकी डॉलर में ट्रेड होने के कारण डॉलर में उतार-चढ़ाव भी इसका बड़ा कारण होता है।
2. आयात शुल्क और टैक्स
भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है। यहां अधिकतर सोना बाहर से आता है। इसलिए अगर सरकार आयात शुल्क या जीएसटी में बदलाव करती है, तो तुरंत सोने की कीमतों पर असर पड़ता है।
3. रुपया-डॉलर विनिमय दर
डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी या मजबूती भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती है। जब रुपया कमजोर होता है तो आयात महंगा होता है, और सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं।
4. लोकल डिमांड
शादी-ब्याह और त्योहारों के सीजन में सोने की मांग बढ़ जाती है, जिससे कीमतों में उछाल आता है। वहीं, जब मांग कम होती है, तो कीमतों में गिरावट देखी जाती है।
5. राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता
जैसे हाल ही में ट्रंप के टैरिफ ऐलान से शेयर बाजार में हलचल आई और निवेशक गोल्ड की ओर भागे। ऐसी वैश्विक घटनाएं भी सोने के रेट को ऊपर-नीचे कर सकती हैं।
ट्रंप के टैरिफ का असर: सोने की कीमतों में उछाल क्यों?
ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा ने एक बार फिर से वैश्विक वित्तीय प्रणाली को झकझोर दिया है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध की पुरानी यादें ताज़ा हो गई हैं। ऐसे में सोने की कीमतों में उछाल आना कोई नई बात नहीं है। निवेशक ऐसे समय में अधिकतर ‘सेफ हेवन’ यानी सुरक्षित निवेश की ओर रुख करते हैं और सोना उनकी पहली पसंद होता है।
इस तरह की घटनाएं अनिश्चितता को बढ़ा देती हैं, जिससे इक्विटी मार्केट्स में गिरावट आती है। नतीजा यह होता है कि जो निवेशक शेयर बाजार से डरते हैं, वे अपना पैसा सोने में लगाना शुरू कर देते हैं। और जब डिमांड बढ़ती है तो कीमतों में उछाल आना तय होता है।
ट्रंप का यह ऐलान कि अमेरिकी उत्पादों पर भारी-भरकम शुल्क लगाया जाएगा, वैश्विक व्यापार पर चोट करने वाला कदम माना जा रहा है। इससे डॉलर में भी अस्थिरता आ सकती है और निवेशक गोल्ड में भरोसा जताते हैं। यही वजह है कि 24 कैरेट और 22 कैरेट गोल्ड की कीमतें अचानक बढ़ गईं।
क्या निवेश करना चाहिए अभी? जानिए निवेशकों की रणनीति
अब सवाल यह उठता है कि क्या इस समय सोने में निवेश करना सही होगा? जवाब सीधा है – यह आपकी निवेश रणनीति पर निर्भर करता है। अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर हैं और पोर्टफोलियो में थोड़ा-बहुत सोना जोड़ना चाहते हैं, तो यह एक उपयुक्त समय हो सकता है।
निवेश करने के कुछ अहम कारण:
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सेफ हेवन एसेट: जब दुनिया में भू-राजनीतिक तनाव या आर्थिक अस्थिरता बढ़ती है, तो गोल्ड एक सुरक्षित विकल्प बनता है।
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मूल्य संरक्षण: महंगाई के खिलाफ गोल्ड एक बेहतरीन बचाव साबित होता है।
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डाइवर्सिफिकेशन: निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने के लिए सोना अहम भूमिका निभाता है।
कैसे करें निवेश?
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गोल्ड ETF – डिजिटल तरीके से सोने में निवेश करना।
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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड – RBI द्वारा जारी, ब्याज के साथ लाभ।
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ज्वैलरी – पारंपरिक निवेश, लेकिन मेकिंग चार्ज का ध्यान रखें।
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डिजिटल गोल्ड – पेमेंट ऐप्स से खरीदा जा सकता है।
लेकिन ध्यान रखें, अगर कीमतें पहले ही बहुत ऊपर जा चुकी हैं, तो थोड़ा इंतजार भी करना समझदारी हो सकती है।
IBJA रेट और लोकल मार्केट रेट में क्या फर्क होता है?
IBJA यानी इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन द्वारा घोषित रेट भारत भर में मानक माने जाते हैं। लेकिन अगर आप किसी लोकल दुकान पर जाते हैं, तो वहां के रेट कुछ अलग हो सकते हैं। क्यों? आइए जानते हैं।
IBJA रेट के फायदे:
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यह औसत दर होती है, जो प्रमुख शहरों से मिले डाटा पर आधारित होती है।
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इसमें टैक्स और मेकिंग चार्ज शामिल नहीं होते।
लोकल मार्केट रेट के कारण अंतर:
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मेकिंग चार्ज और जीएसटी जोड़कर कीमत बढ़ जाती है।
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दुकानदार की ब्रांडिंग और अन्य लागतें भी जुड़ जाती हैं।
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कई बार हाई डिमांड और लो सप्लाई की वजह से रेट ऊपर भी जा सकता है।
अगर आप ऑनलाइन या ऐप्स से कीमत चेक कर रहे हैं, तो IBJA रेट आपको एक आधार देता है। लेकिन खरीदारी करते वक्त दुकानदार से कीमत की पुष्टि जरूर करें।
14K, 18K, 22K और 24K सोने में क्या है अंतर?
बहुत से लोग सोने के कैरेट (Karat) को लेकर भ्रम में रहते हैं। क्या 24K सबसे अच्छा है? 22K ज्वैलरी के लिए सही है या 18K? यहां हम आपको स्पष्ट रूप से बताते हैं कि कौन सा कैरेट किसके लिए उपयुक्त है।
कैरेट | पर्सेंट शुद्धता | उपयोग |
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24K | 99.9% शुद्ध | निवेश, सिक्के, बार |
22K | 91.6% शुद्ध | ज्वैलरी |
18K | 75% शुद्ध | डिज़ाइनर ज्वैलरी, घड़ियाँ |
14K | 58.5% शुद्ध | सस्ती और मजबूत ज्वैलरी |
समझें आसान भाषा में:
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24K सोना सबसे शुद्ध होता है, लेकिन यह बहुत नरम होता है, इसलिए ज्वैलरी में इसका कम उपयोग होता है।
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22K सोना सबसे ज़्यादा ज्वैलरी में उपयोग होता है क्योंकि इसमें थोड़ी अन्य धातुएं मिलाई जाती हैं जिससे यह टिकाऊ बनता है।
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18K और 14K सोना उन लोगों के लिए है जो मजबूत और स्टाइलिश ज्वैलरी पहनना पसंद करते हैं।
आज आपके शहर में सोने का भाव क्यों है अलग?
शहर दर शहर सोने की कीमतों में अंतर क्यों आता है? यह सवाल बहुत सामान्य है लेकिन इसका जवाब कई चीज़ों में छिपा होता है।
मुख्य कारण:
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ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट: मेट्रो शहरों में जहां सोने की सप्लाई सीधे पहुंचती है, वहां रेट कम होते हैं। छोटे शहरों में रेट बढ़ सकते हैं।
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लोकल टैक्स: राज्य सरकारें अलग-अलग टैक्स लागू करती हैं जिससे कीमत में अंतर आ सकता है।
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डिमांड-सप्लाई: जहां ज्यादा मांग होती है वहां कीमतें थोड़ी ऊपर जा सकती हैं।
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प्रतिस्पर्धा: शहर में ज्यादा ज्वैलरी शॉप्स होने से ग्राहकों को बेहतर रेट मिल सकते हैं।
इसलिए, एक ही दिन में चेन्नई और लखनऊ के रेट्स में फर्क दिख सकता है। अपने शहर के लोकल ज्वैलर से कंफर्म करना हमेशा बेहतर होता है।