सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, और आज 11 फरवरी 2025 को सोना 87,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गया। बजट के बाद से सोने की कीमतों में तेजी बनी हुई है, जिसका प्रमुख कारण डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और वैश्विक अनिश्चितता है।
आज सोमवार को 24 और 22 कैरेट सोने की कीमत में 400 रुपये तक की बढ़त दर्ज की गई। भारत के दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में 10 ग्राम सोने की कीमत 87,200 रुपये से ऊपर कारोबार कर रही है।
आइए जानते हैं सोने की कीमतों में इस उछाल के पीछे के प्रमुख कारण, शहरों के अनुसार ताजा रेट, और चांदी के दाम में बदलाव।
सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के बड़े कारण
वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा की है। इससे वैश्विक व्यापार युद्ध (Trade War) का खतरा बढ़ गया है, जिससे निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश विकल्प मानकर इसकी खरीदारी बढ़ा रहे हैं।
डॉलर की मजबूती और रुपये की कमजोरी
डॉलर के मजबूत होने और रुपये की गिरावट के कारण भारत में सोने की कीमतें बढ़ रही हैं।
चूंकि भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है, इसलिए रुपये की कमजोरी से आयात महंगा हो जाता है, जिससे सोने के दाम बढ़ जाते हैं।
ब्याज दरों में संभावित बदलाव और बढ़ती महंगाई भी सोने की कीमतों पर असर डाल रही है।
शेयर बाजार में अस्थिरता और मंदी की आशंका
शेयर बाजार की अस्थिरता और वैश्विक आर्थिक मंदी के संकेतों से निवेशक सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ने से कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं।
प्रमुख शहरों में 24 और 22 कैरेट सोने की कीमत (11 फरवरी 2025)
शहर का नाम | 22 कैरेट गोल्ड रेट (₹/10 ग्राम) | 24 कैरेट गोल्ड रेट (₹/10 ग्राम) |
---|---|---|
दिल्ली | ₹79,960 | ₹87,220 |
चेन्नई | ₹79,810 | ₹87,070 |
मुंबई | ₹79,810 | ₹87,070 |
कोलकाता | ₹79,810 | ₹87,070 |
नोट: अलग-अलग शहरों में सोने के दाम में थोड़ा अंतर हो सकता है।
11 फरवरी को चांदी की कीमत में गिरावट
आज चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई।
चांदी का भाव – ₹99,400 प्रति किलोग्राम
पिछले रिकॉर्ड के अनुसार, चांदी ₹1,00,000 प्रति किलोग्राम छूने के करीब थी, लेकिन आज इसमें थोड़ी गिरावट देखी गई।
भारत में सोने की कीमतें कैसे तय होती हैं?
भारत में सोने की कीमत कई कारणों से बदलती रहती है, जिनमें शामिल हैं:
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें – अमेरिका, चीन, यूरोप में मांग-आपूर्ति का असर भारतीय बाजार पर पड़ता है।
रुपये की मजबूती या कमजोरी – रुपये में गिरावट आने पर सोने का आयात महंगा हो जाता है।
सरकारी टैक्स और नीतियां – सरकार द्वारा इम्पोर्ट ड्यूटी और GST बदलने पर सोने के दाम प्रभावित होते हैं।
शादी और त्योहारों का सीजन – भारत में शादी और त्योहारों के समय सोने की मांग बढ़ने से कीमतें ऊपर जाती हैं।