इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे वैश्विक रुझान और विदेशी निवेशक, जानें एक्सपर्ट्स की राय

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इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की चाल वैश्विक रुझानों, शुल्क से जुड़े घटनाक्रमों और विदेशी निवेशकों (FII) की गतिविधियों पर निर्भर करेगी। पिछले सप्ताह बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली थी, जिसमें बेंचमार्क इंडेक्स 4% से अधिक चढ़ गए।

शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी पूंजी प्रवाह, वैश्विक संकेतों और निवेशकों की धारणा में सुधार से बाजार में तेजी बनी रह सकती है।

 बाजार में तेजी जारी रहेगी? एक्सपर्ट्स की राय

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिसर्च हेड (वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका ने कहा:
“हमें उम्मीद है कि भारतीय बाजार में आकर्षक वैल्यूएशन और आर्थिक सुधार के संकेतों के कारण विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) वापस आएंगे, जिससे बाजार की तेजी जारी रह सकती है।”

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा:
“घरेलू स्तर पर कोई बड़ा आर्थिक घटनाक्रम नहीं है, इसलिए निवेशकों का ध्यान मार्च डेरिवेटिव सेटलमेंट और FII गतिविधियों पर रहेगा। वैश्विक स्तर पर अमेरिकी बाजारों और शुल्क से जुड़े घटनाक्रमों पर भी नजर रखनी होगी।”

 बाजार में उतार-चढ़ाव के संकेत

अमेरिकी बाजारों में हाल ही में तेज गिरावट के बाद अस्थायी सुधार देखा गया है।
लेकिन मिले-जुले वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
 निवेशकों की नजर डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति और ब्रेंट क्रूड ऑयल के दामों पर भी रहेगी।

 पिछले हफ्ते का बाजार प्रदर्शन

बीएसई सेंसेक्स – 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 3,076.6 अंक (4.16%) चढ़ा।
एनएसई निफ्टी – निफ्टी में 953.2 अंकों (4.25%) की तेजी आई।

 विदेशी निवेशकों (FII) की गतिविधियां – बाजार को मिलेगा सपोर्ट?

एफआईआई ने पिछले सप्ताह जमकर खरीदारी की, जिससे बाजार में सकारात्मकता आई।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा:
“जोखिम-मुक्त दरों में कमी और डॉलर इंडेक्स में सुधार के कारण उभरते बाजारों में निवेश प्रवाह लौट रहा है। एफआईआई अब बिकवाली के बजाय शुद्ध लिवाल (बायर्स) बन गए हैं, जिससे घरेलू बाजार की धारणा मजबूत हुई है।”

FII की खरीदारी का डेटा:
गुरुवार: FII ने ₹3,239.14 करोड़ के शेयर खरीदे।
शुक्रवार: FII ने ₹7,470.36 करोड़ के शेयर खरीदे।

 इस हफ्ते किन फैक्टर्स पर रहेगी नजर?

वैश्विक बाजारों की चाल – अमेरिका, यूरोप और एशियाई बाजारों का प्रदर्शन।
डॉलर-रुपया विनिमय दर – रुपये की मजबूती या कमजोरी।
ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम – कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव।
डेरिवेटिव सेटलमेंट (F&O Expiry) – मार्च डेरिवेटिव सेटलमेंट का असर।
विदेशी निवेशकों (FII) की गतिविधियां – क्या वे खरीदारी जारी रखेंगे?

 निवेशकों के लिए सलाह

लॉन्ग-टर्म निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं, बाजार में तेजी बनी रह सकती है।
शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स को उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए।
महत्वपूर्ण आर्थिक और वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर बनाए रखें।