‘8 करोड़ लोगों को राशन कार्ड दें…’ सुप्रीम कोर्ट का राज्यों और केंद्र सरकार को आदेश, जानिए किसे मिलेगा राशन

Content Image Ba8bb6e9 0564 4042 9ab4 Ccc7f7abca71

हाल ही के एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि वे केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को दो महीने के भीतर राशन कार्ड जारी करें। ऐसे लोगों की संख्या करीब 8 करोड़ है. राशन कार्ड बनने से ऐसे लोग केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत लाभ उठा सकेंगे।

एक रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर, अंजलि भारद्वाज और जगदीप चोकर की याचिका पर यह आदेश दिया. याचिका में केंद्र और कुछ राज्यों पर सूखे राशन पर 2021 में जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन न करने का आरोप लगाया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2021 के आदेश में कहा था कि सूखा राशन जारी करते समय राज्य उन प्रवासी मजदूरों से पहचान पत्र नहीं मांगेंगे जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. इसके बाद कोर्ट ने कोरोना महामारी के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत अन्य शहरों में फंसे प्रवासी मजदूरों को स्वघोषणा के आधार पर ही सूखा राशन उपलब्ध कराने का आदेश दिया.

पिछले साल अप्रैल में जस्टिस एम.आर. न्यायमूर्ति शाह और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने राज्य सरकारों को उन प्रवासी या असंगठित मजदूरों को तीन महीने के भीतर राशन कार्ड जारी करने का आदेश दिया, जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, लेकिन केंद्र के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत हैं। ये पोर्टल मुख्य रूप से सभी असंगठित श्रमिकों के आवश्यक डेटा के पंजीकरण, पंजीकरण, संग्रह और पहचान के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

 सुप्रीम कोर्ट का राज्यों और केंद्र सरकार को आदेश

इस पर सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दो महीने के भीतर पोर्टल पर पंजीकृत करीब आठ करोड़ लोगों को राशन कार्ड जारी करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में राज्यों को यह भी चेतावनी दी है कि eKYC राशन कार्ड जारी करने की राह में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए.