Gen Z Blackberry : आज के युवा क्यों वापस लौट रहे हैं 20 साल पुराने ब्लैकबेरी फोन की ओर? वजह जानकर आप भी चौंक जाएंगे
News India Live, Digital Desk: Gen Z Blackberry : एक दौर था जब ब्लैकबेरी फोन रखना एक स्टेटस सिंबल माना जाता था। इसका कीपैड और प्रोफेशनल लुक इसे बाकी सबसे अलग बनाता था। फिर आया टचस्क्रीन स्मार्टफोन्स का दौर और ब्लैकबेरी धीरे-धीरे बाजार से गायब हो गया। लेकिन कहते हैं न, इतिहास खुद को दोहराता है। आज जब दुनिया iPhone और लेटेस्ट एंड्रॉइड फोन के पीछे भाग रही है, तब आज की युवा पीढ़ी, यानी Gen Z, अपने पुराने संदूकों से ब्लैकबेरी फोन को वापस निकाल रही है।
लेकिन क्यों? जिस पीढ़ी ने जन्म के बाद से ही हाई-स्पीड इंटरनेट और स्मार्टफोन देखा है, उसे अचानक एक पुराने, स्लो और लिमिटेड फीचर वाले फोन में क्या दिलचस्पी हो सकती है? वजह सिर्फ नॉस्टैल्जिया या पुराने ज़माने का शौक नहीं, बल्कि आज की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक का हल है - स्क्रीन टाइम और स्मार्टफोन की लत।
डिजिटल दुनिया की भीड़ से दूर भागने की कोशिश
आज हम हर वक्त अपने स्मार्टफोन से चिपके रहते हैं। सोशल मीडिया, गेमिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग और अनगिनत नोटिफिकेशन्स ने हमारी जिंदगी पर कब्जा कर लिया है। हम काम करते हुए, खाते हुए, यहाँ तक कि परिवार के साथ बैठकर भी फोन ही स्क्रॉल कर रहे होते हैं। इसी डिजिटल शोर और लत से परेशान होकर Gen Z अब शांति की तलाश में है।
वे जानबूझकर एक ऐसा फोन अपनाना चाहते हैं जो उन्हें दुनिया से जोड़े तो रखे, लेकिन भटकाए नहीं। ब्लैकबेरी इस काम के लिए एकदम फिट बैठता है। इसमें आप कॉल कर सकते हैं, मैसेज भेज सकते हैं और शायद ईमेल भी चेक कर सकते हैं, लेकिन इसमें वो ऐप्स नहीं हैं जो घंटों तक आपका ध्यान खींचकर रखें।
ब्लैकबेरी में क्या है जो नए फोन में नहीं?
- कोई भटकाव नहीं: ब्लैकबेरी में इंस्टाग्राम रील्स, यूट्यूब शॉर्ट्स या टिकटॉक जैसे ध्यान भटकाने वाले ऐप्स नहीं चलते। इससे युवा अपने काम और असल जिंदगी पर ज्यादा फोकस कर पाते हैं।
- कम स्क्रीन टाइम: जब फोन में कुछ दिलचस्प स्क्रॉल करने के लिए होता ही नहीं, तो स्क्रीन टाइम अपने आप कम हो जाता है। इससे आँखों को आराम मिलता है और मानसिक शांति भी।
- सोच-समझकर इस्तेमाल: ब्लैकबेरी का इस्तेमाल लोग तभी करते हैं जब सच में कोई ज़रूरी काम हो, जैसे किसी को कॉल करना या मैसेज भेजना। यह बेवजह फोन चेक करने की आदत को खत्म करता है।
- एक अलग एहसास: इसके फिजिकल कीपैड पर टाइप करने का अनुभव आज के टचस्क्रीन से बिल्कुल अलग और संतोषजनक है। यह युवाओं को एक विंटेज और अनोखा फील देता है।
यह ट्रेंड बताता है कि आज के युवा टेक्नोलॉजी के गुलाम बनने की बजाय उसे अपने हिसाब से कंट्रोल करना चाहते हैं। वे समझ रहे हैं कि हर वक्त ऑनलाइन रहना और हर ट्रेंड को फॉलो करना ज़रूरी नहीं है। कभी-कभी असल दुनिया से जुड़ने के लिए डिजिटल दुनिया से एक कदम पीछे हटना भी ज़रूरी होता है, और ब्लैकबेरी उन्हें यही करने में मदद कर रहा है।
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