IMF में गीता गोपीनाथ का सफर समाप्त, अब हार्वर्ड में लेंगी अकादमिक कमान

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वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF में पहली उप प्रबंध निदेशक (First Deputy Managing Director) के पद पर अपनी सेवाएं दे रही जानी-मानी अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ जल्द ही IMF को अलविदा कहेंगी। वह IMF में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी Harvard University में अपनी अकादमिक भूमिका पर लौटेंगी। उनके इस फैसले ने वित्तीय जगत में चर्चाएं तेज़ कर दी हैं।

गीता गोपीनाथ, जो मूल रूप से भारत से हैं, IMF के सबसे प्रमुख पदों में से एक पर पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। IMF में अपनी भूमिका के दौरान, उन्होंने वैश्विक वित्तीय नीतियों, आर्थिक विकास और मुद्रा बाजार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। IMF की मुख्य अर्थशास्त्री Chief Economist के तौर पर उनका कार्यकाल विशेष रूप से प्रभावशाली रहा, जिसके बाद उन्हें उप प्रबंध निदेशक के तौर पर पदोन्नति मिली।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय, जहाँ गोपीनाथ एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर हैं, में उनकी वापसी अकादमिक जगत के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। वे विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय वित्त और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अपने शोध और शिक्षण के लिए जानी जाती हैं।

IMF के शीर्ष पद से उनका हटना भले ही संगठन के लिए एक बड़ा बदलाव हो, लेकिन हार्वर्ड में उनकी वापसी यह सुनिश्चित करती है कि वैश्विक अर्थशास्त्र पर उनका प्रभाव बना रहेगा। उनकी यात्रा कई युवा भारतीयों और विशेष रूप से महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो अर्थशास्त्र और वैश्विक वित्त जैसे क्षेत्रों में अपना करियर बनाना चाहती हैं।

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