गाजा में इजरायल और हमास के बीच संघर्ष को एक साल से अधिक का वक्त हो चुका है। इस युद्ध ने गाजा को बर्बादी के कगार पर ला खड़ा किया है। 45,000 से ज्यादा गाजावासियों की जान जा चुकी है, लेकिन न तो इजरायल हमले रोक रहा है और न ही हमास के आतंकी शांत हो रहे हैं। इस जंग ने न सिर्फ गाजा की बुनियादी संरचनाओं को तबाह कर दिया है, बल्कि यहां रह रहे लोगों को अमानवीय परिस्थितियों में जीने के लिए मजबूर कर दिया है।
गाजा में बर्बाद हो चुकी बुनियादी सुविधाएं
इजरायली हमलों के चलते गाजा में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह से खत्म हो चुकी हैं।
- शिक्षा पर असर:
बच्चे स्कूल जाने की बजाय तंबुओं में रहने को मजबूर हैं। उनकी पढ़ाई पूरी तरह रुक गई है। - स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई:
अस्पतालों पर हमले के चलते इलाज की सुविधाएं लगभग खत्म हो चुकी हैं। गंभीर बीमारियों के मरीज भी दवाइयों और देखभाल के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।
कमाल अदवान अस्पताल पर हमला और गिरफ्तारियां
इजरायल ने हाल ही में उत्तरी गाजा के सबसे बड़े अस्पताल कमाल अदवान पर हमला किया।
- क्या हुआ अस्पताल में?
इजरायली सेना ने दावा किया कि आतंकियों ने अस्पताल को पनाहगाह बना लिया था। मरीजों के कपड़ों में छिपकर आतंकी सेना को गुमराह कर रहे थे। - गिरफ्तारियां:
इस दौरान 240 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि अस्पताल के निदेशक डॉ. हुसाम अबू सफिया को हिरासत में लिया गया। उन्हें सेदे तेइमान सैन्य अड्डे पर रखा गया है।
ठंड के कहर से मर रहे मासूम
इजरायली हमलों के बीच गाजा में ठंड ने हालात को और बदतर कर दिया है। विस्थापित परिवार तंबुओं में रहने को मजबूर हैं।
- ठंड से बढ़ती मौतें:
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कड़ाके की ठंड और भारी बारिश के कारण अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें छह शिशु और एक वयस्क शामिल हैं। - तंबुओं की स्थिति:
विस्थापितों के तंबू इतने कमजोर हैं कि वे न तो ठंड से बचा पा रहे हैं और न बारिश से। आने वाले दिनों में हिमपात और ठंड का प्रकोप बढ़ने की संभावना है, जिससे मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।
हमास का बयान और अंतरराष्ट्रीय आलोचना
हमास ने इजरायल के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
- हमास का आरोप:
“गाजा में पैदा हुए इस संकट के लिए इजरायल और उसके समर्थक देश जिम्मेदार हैं। हम मांग करते हैं कि इस नरसंहार को तुरंत रोका जाए।” - अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया:
इस संघर्ष को रोकने और मानवीय सहायता पहुंचाने की मांगें बढ़ती जा रही हैं, लेकिन अभी तक किसी ठोस समाधान की पहल नहीं की गई है।
मानवीय संकट के गहराते बादल
गाजा में जंग के साथ-साथ प्राकृतिक कहर ने स्थिति को और भयावह बना दिया है। बच्चों की मौत, बर्बाद घर, और ठंड में तड़पते लोग इस बात का प्रतीक हैं कि यह जंग सिर्फ दो पक्षों की नहीं, बल्कि इंसानियत के लिए एक गहरी चोट है।