गौतम गंभीर: भारतीय क्रिकेट के नए आर्किटेक्ट की चुनौतीपूर्ण राह

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गौतम गंभीर को करीब से जानने वाले लोग उन्हें एक “सीरियस और एक ही रूटीन फॉलो करने वाला व्यक्ति” कहते हैं। वे ऐसे इंसान हैं, जिन्होंने पिछले 20 सालों में अपनी खाने की आदतों तक में बदलाव नहीं किया, और फैशन में भी उनका प्यार डेनिम जीन्स के लिए स्थिर बना हुआ है। लेकिन जब बात क्रिकेट रणनीति की आती है, तो उनका दिमाग हमेशा कुछ नया और बेहतर करने के लिए सक्रिय रहता है।

टी20 विश्व कप 2024 में भारत की ऐतिहासिक जीत के साथ राहुल द्रविड़ के कोचिंग युग का अंत हुआ, और उसके बाद से गौतम गंभीर को भारतीय क्रिकेट टीम की बागडोर संभाले आठ महीने हो चुके हैं। इस दौरान उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी की जीत का उच्चतम स्तर और न्यूजीलैंड व ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में हार की कड़वी सच्चाई दोनों का अनुभव किया है।

अब गंभीर भारतीय क्रिकेट में एक नए परिवर्तन काल का नेतृत्व कर रहे हैं, जहां उन्हें तीन बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा:

  1. इंग्लैंड टेस्ट दौरा (जून 2025)
  2. टी20 विश्व कप 2026 (भारत और श्रीलंका में)
  3. वनडे विश्व कप 2027 (दक्षिण अफ्रीका में)

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टी20 टीम का पुनर्निर्माण: बिना रोहित-विराट भी मजबूत टीम

गंभीर की कोचिंग में भारत ने टी20 क्रिकेट में एक नया ब्रांड अपनाया है। रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविंद्र जडेजा जैसे दिग्गज छोटे फॉर्मेट से बाहर हो चुके हैं, लेकिन टीम ने उनकी कमी महसूस नहीं होने दी।

  • अभिषेक शर्मा को टॉप ऑर्डर में खोजा गया है, जो आक्रामक बल्लेबाजी करते हैं।
  • वरुण चक्रवर्ती और जसप्रीत बुमराह की जोड़ी आठ ओवरों में विपक्षी बल्लेबाजों के लिए बुरा सपना बन सकती है।
  • संजू सैमसन, ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल जैसे बल्लेबाज टीम की गहराई को मजबूत कर रहे हैं।
  • अर्शदीप सिंह पावरप्ले में विकेट निकालने वाले अहम गेंदबाज बन चुके हैं।
  • हार्दिक पांड्या, नितीश कुमार रेड्डी और शिवम दुबे तीन तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में टीम में मौजूद हैं।
  • अक्षर पटेल और सूर्यकुमार यादव अनुभवी खिलाड़ियों के रूप में टीम को बैलेंस देते हैं।

गंभीर ने युवा खिलाड़ियों को मौका देकर टीम का भविष्य तैयार कर दिया है, लेकिन उनके लिए असली परीक्षा वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में टीम की पुनर्निर्माण प्रक्रिया होगी।

वनडे क्रिकेट: 2027 विश्व कप के लिए रणनीति

वनडे क्रिकेट में गंभीर को सबसे ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि रोहित शर्मा और विराट कोहली ने अभी तक संन्यास नहीं लिया है।

  • रोहित ने संन्यास लेने से मना किया है, लेकिन 2027 विश्व कप में खेलने को लेकर अनिश्चित हैं।
  • कोहली अब एक स्टेबलाइजर बल्लेबाज के रूप में खेलेंगे, जो टीम को संतुलन देंगे।
  • 2027 विश्व कप में भारत को 240-250 रनों के छोटे स्कोर के बजाय हाई-स्कोरिंग मैचों की तैयारी करनी होगी।
  • गंभीर को यह तय करना होगा कि क्या रोहित की आक्रामक पारियां और कोहली की स्थिरता मिलकर टीम को फायदा पहुंचा पाएगी।

2027 विश्व कप के लिए कप्तान कौन होगा?

गंभीर को अगले वनडे कप्तान को भी तय करना होगा:

  1. शुभमन गिल – शानदार वनडे खिलाड़ी, जो पहले ही उप-कप्तान के रूप में काम कर चुके हैं।
  2. हार्दिक पांड्या – गुजरात टाइटंस के साथ अच्छे कप्तानी अनुभव के कारण मजबूत दावेदार।

BCCI और चयन समिति को जल्द ही इस पर फैसला लेना होगा, क्योंकि 2027 विश्व कप से पहले भारत को सिर्फ 27 वनडे मैच खेलने हैं।

टेस्ट क्रिकेट: गंभीर के लिए सबसे कठिन चुनौती

अगर गंभीर के लिए कोई सबसे मुश्किल चुनौती होगी, तो वह टेस्ट क्रिकेट में स्थिरता बनाए रखना होगी।

  • इंग्लैंड दौरे पर स्विंग और सीम कंडीशंस में बुमराह, शमी और सिराज की फिटनेस और फॉर्म गंभीर के लिए अहम होगी।
  • मध्यक्रम में स्थायित्व सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है।
  • करुण नायर और श्रेयस अय्यर के नाम संभावित विकल्पों में हैं, लेकिन क्या वे लंबे समय तक टीम में टिक पाएंगे?
  • शुभमन गिल का टेस्ट भविष्य भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि अगर रोहित और राहुल टॉप ऑर्डर में हैं, तो गिल का क्या रोल होगा?

गंभीर को यह तय करना होगा कि टीम में युवा खिलाड़ियों को कितना मौका देना चाहिए और सीनियर खिलाड़ियों को कब तक बनाए रखना चाहिए।

गंभीर का दृष्टिकोण: प्रदर्शन ही सबकुछ है

गौतम गंभीर की कोचिंग का सबसे बड़ा सिद्धांत “सुपरस्टार कल्चर को खत्म करना” है।

  • वह सिर्फ प्रदर्शन करने वालों को ही टीम में जगह देंगे, चाहे वह कोई भी हो।
  • उन्होंने BCCI और चयन समिति से स्पष्टता की मांग की है कि रोहित शर्मा को 2027 विश्व कप की योजनाओं में कैसे देखा जा रहा है।
  • गंभीर भावनाओं से ज्यादा रणनीति पर ध्यान देते हैं, इसलिए वह कभी भी बड़े नामों को बाहर करने से नहीं हिचकेंगे।