हर्षिल क्षेत्र में बगीचों के परागण के लिए मधुमक्खियों का बाक्स ना लगने से बागवान चिंतित

उत्तरकाशी, 16 अप्रैल (हि.स.)। वाइब्रेंट विलेज हर्षिल क्षेत्र के बगीचों में परागण के लिए मधुमक्खियों का ना होने से बागवानों के माथे पर चिंता की लकीर दिखी रही है।

फ्लावरिंग के समय मधुमक्खियां परागण क्रिया में मुख्य भूमिका निभाती हैं। विशेषज्ञों ने सेब की अच्छी पैदावार के लिए बागवानों को बगीचों में मधुमक्खियों के बक्से लगाने की सलाह दी है। इन दिनों सेब के बगीचों में फ्लावरिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नर फूलों से मादा फूल में पराग कोष स्थानांतरित करने के लिए मधुमक्खियां सबसे आवश्यक है।

इधर भटवाड़ी ब्लाक प्रमुख श्रीमती विनीता रावत ने प्रदेश के कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी को पत्र लिखकर वाइब्रेंट विलेज हर्षिल क्षेत्र के आठ गांव में परागण के लिए मधुमक्खी बॉक्स उपलब्ध कराने की मांग की है। पत्र में कहा गया कि यदि समय रहते मधुमक्खी बॉक्स उपलब्ध नहीं हो पाई तो सेब काश्तकारों का लगभग 80 फीसद नुकसान हो जायेगा।

गौरतलब है कि ठंड के मौसम में अन्य मित्र कीट परागण में सहायता नहीं कर पाते हैं। इस दौरान बागवान बगीचों में मधुमक्खियां के मौन गृह स्थापित कर फसल में बढ़ोतरी कर सकते हैं। मधुमक्खियों को बगीचों में लगाने से सेब की फसल में 20 से 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की जा सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार बगीचों में फ्रूट सेटिंग में मधुमक्खियां की अहम भूमिका निभाती हैं। अच्छी व गुणवत्ता वाली फसल लेने के लिए बागवान बगीचों में मधुमक्खियाें के बक्से लगाएं।

क्या कहते हैं जिला उद्यान अधिकारी?

इन दिनों आदर्श आचार संहिता लागू है पूरा सरकारी अमला लोकसभा चुनाव में लगा है। अभी मधुमक्खी बाक्स कहीं भी नहीं लगे। सरकार की मधुमक्खी पालकों से वार्ता चल रही है। उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव निपटने के बाद के बाद इस में तेजी आयेगी।

-डीके तिवारी, जिला उद्यान अधिकारी ,उत्तरकाशी।