जयपुर, 1 जुलाई (हि.स.)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान वैशाली नगर द्वारा आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं जयपुर नगर निगम ग्रेटर के सहयोग से आयोजित योग समागम में मुख्य अतिथि गलता पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि योग साधक में समता और समत्व का भाव पैदा करता है। योग की जो भी विधाएं प्रचलित है उसके मूल में यही बात रहनी चाहिए की शरीर को स्वस्थ रखते हुए हम भगवान की कृपा के अधिकारी कैसे बने? भगवान का आश्रय ही मुक्ति का एकमात्र रास्ता है।
सभा को संबोधित करते हुए जयपुर नगर निगम ग्रेटर की महापौर सौम्य गुर्जर ने कहा कि योग का असली मकसद है आपस में सबको जोड़ना, व्यक्ति को उर्जा से, शहर से, स्वच्छता से, पर्यावरण से, बड़ों का सम्मान करने से, हमें विकसित भारत बनने में योगदान के लिए जोड़ना द्य उन्होंने हर व्यक्ति को भारत माँ के नाम एक वृक्ष लगाने का आह्वान किया।
क्रिड़ा भारती के राजस्थान प्रदेश संयोजक मेघसिंह चौहान ने अभ्यास एवं वैराग्य पर प्रकाश डालते हुए कहा की किसी विपरीत परिस्थिति में ना विचलित होना है तथा ना ही ख़ुशी के पल में ज्यादा खुश होना है, प्रभु चिंतन करते हुए आनंद में रहने से योग सफल हो सकता है।
योगाचार्य ढाकाराम, संस्थापक योगापीस संस्थान ने पहला सुख निरोगी काया पर जोर देते हुए कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास हो सकता है, तथा शरीर को कर श्रेष्ठ कर्म करने पर जोर दिया।
जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामसेवक दुबे ने शरीर तथा मन की साधना के संतुलन पर जोर देते हुए कहा की चित की साधना अर्थात अन्तकरण को स्वच्छ करते हुए शरीर को स्वस्थ रखना है तथा वर्तमान में जी कर हुए हर कार्य को आज ही करने पर जोर दिया।
ब्रह्माकुमारीज माउण्ट आबू मुख्य प्रबन्धन समिति की कार्यकारिणी सदस्या एवं जयपुर सबज़ोन प्रभारी राजयोगिनी बी के सुषमा दीदी ने राजयोग ध्यान पर प्रकाश डालते हुए कहा हम स्त्री अथवा पुरुष नहीं हम सतचित आनंदस्वरुप आत्माएं है, अपने इसी स्वरुप की ज्योति जगाकर हमें एक दुसरे के प्रति शुभ भावना रखते हुए प्राणिमात्र के प्रति रहम की भावना रखने की बात कही द्य साथ ही उन्होंने राजयोग ध्यान का अभ्यास भी करवाया।
ब्रह्माकुमारीज़ वैशाली नगर केंद्र प्रभारी चंद्रकला दीदी ने बताया कि ब्रह्माकुमारीज़ कि वार्षिक थीम “आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वस्थ समाज” के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, इस अवसर पर सभी ने स्वयं के साथ परिवार, शहर, समाज की स्वच्छता, शुद्धता एवं पवित्रता के लिए प्रतिदिन योगदान देने का संकल्प लिया।
जयपुर योग समागम 2024 के संयोजक योगी मनीष विजयवर्गीय ने स्वागत उद्बोधन समागम में सम्मिलित संस्थानों का अभिनंदन करते हुए सभी से वर्ष पर्यंत योग कार्यक्रमों ने सक्रियता से योगदान देने का आह्वान किया। ब्रह्माकुमारिज संस्था द्वारा योग के क्षेत्र में कार्य कर रही संथाएं- यथा जयपुर नगर निगम ग्रेटर, क्रीड़ा भारती, पतंजलि योग समिति, अखिल विश्व गायत्री परिवार, राजस्थान, आर्ट ऑफ़ लिविंग, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी, राजस्थान यूनिवर्सिटी, संस्कृत यूनिवर्सिटी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद, इण्डियन योग एसोसिएशन, गीता परिवार, राजस्थान स्वास्थ्य योग परिषद, हर्टफ़ुलनेस, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान, योगा पीस संस्थान, योगस्थली योग सोसाइटी, सोनल मेमोरियल ट्रस्ट, गुरुकुल योग संस्थान, गांधी योग एंड नेचुरोपैथी इंस्टिट्यूट, नर्सरी पार्क योग परिवार, सर्व मंगलाये सनातन धर्म फाउंडेशन, प्राकृतिक चिक्तिसालय, संकल्प इंडिया हेल्थ एंड योग सोसाइटी, योगपथ योग संसथान, प्रयास योगा रिट्रीट एवं समरस भारत इत्यादि सहित 51 संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र एवं शोल ओढाकर सम्मानित किया किया तथा पर्यावरण संरक्षण मोर्चा के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र भूटानी द्वारा सम्मानित संस्थाओं को हरियाला पौधा भेंट कर मानसून में वृक्षारोपण की प्रेरणा दी।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पतंजली के प्रदेश संरक्षक महेंद्र यादव, गलता पीठ के युबराज स्वामी राघवेन्द्र महाराज, अन्तरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश महामंत्री गोपाल गुप्ता, आर्ट ऑफ़ लीविंग के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कालानी, दिव्य ज्योति संसथान की साध्वी लोकेश भारती, पार्षद प्रवीन यादव, पार्षद राजू अग्रवाल, पार्षद कपिल धाबाई सहित शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।