गांधीनगर: स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की मांग को लेकर पिछले दो दिनों से आंदोलन कर रहे राज्य के इंटर्न और जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल आखिरकार खत्म हो गई है. आज गांधीनगर में मुख्यमंत्री के साथ आंदोलनकारी डॉक्टरों की बैठक हुई. जिसके बाद डॉक्टरों ने मरीजों के हित में हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है.
दरअसल, गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 6 सरकारी और 13 GMERS द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट और इंटर्न डॉक्टरों के स्टाइपेंड में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की है। हालांकि, पिछले कुछ समय से डॉक्टर स्टाइपेंड में 40 फीसदी बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं.
ऐसे में ऑल गुजरात जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अपनी मांग मनवाने के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाया. इसी का नतीजा है कि डॉक्टर अपने कर्तव्य से विमुख होकर पिछले सोमवार से हड़ताल पर चले गये. 1500 से ज्यादा डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. उधर, सरकार के नोटिफिकेशन के बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के डीन ने भी हड़ताली शिक्षकों को काम पर लौटने के लिए आज सुबह 9 बजे तक का अल्टीमेटम दिया है. हालांकि, जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर डटे रहे.
हालांकि आज देर रात मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारी डॉक्टरों के साथ बैठक की. जिसमें मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के सकारात्मक रुख और राज्य के जरूरतमंद नागरिकों के इलाज के लिए सुश्रूसा के व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल हित को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों ने आंदोलन समाप्त करने और हड़ताल वापस लेने और अपनी सेवाएं बहाल करने का आश्वासन दिया।