Gaming Tax India : सरकार के एक फैसले से गेमिंग की दुनिया में Game Over, MPL ने 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
News India Live, Digital Desk: Gaming Tax India : जो लोग मोबाइल पर गेम खेलकर अपना मनोरंजन करते हैं या कुछ पैसे कमाते हैं, उनके लिए एक बहुत बड़ी और चौंकाने वाली खबर है। सरकार द्वारा ऑनलाइन गेमिंग पर 28% का भारी-भरकम टैक्स लगाने के फैसले के बाद इस इंडस्ट्री में हाहाकार मच गया है। इस फैसले का सबसे पहला और सबसे बड़ा असर देश की जानी-मानी गेमिंग कंपनी मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) पर देखने को मिला है, जिसने अपने 350 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का दर्दनाक फैसला लिया है।
यह संख्या कंपनी के कुल भारतीय स्टाफ का लगभग 60% है, जिससे आप संकट की गंभीरता का अंदाजा लगा सकते हैं।
क्या है यह नया टैक्स, जिसने मचा दी खलबली?
आपको लग रहा होगा कि यह सिर्फ एक टैक्स ही तो है, लेकिन असल में यह इस इंडस्ट्री की कमर तोड़ने जैसा है। सरकार ने फैसला किया है कि अब ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को यूजर्स द्वारा जमा की गई पूरी रकम (Full Deposit Amount) पर 28% का टैक्स देना होगा।
इसे आसान भाषा में समझिए: यह टैक्स कंपनी के मुनाफे पर नहीं, बल्कि आपके द्वारा जमा की गई पूरी रकम पर लगेगा। यानी, अगर आप किसी गेमिंग ऐप पर 100 रुपये डालते हैं, तो गेम शुरू होने से पहले ही कंपनी को उसमें से 28 रुपये सरकार को टैक्स के रूप में देने होंगे, भले ही आप उस 100 रुपये से जीतें या हारें।
क्यों लेना पड़ा MPL को इतना बड़ा फैसला?
कंपनी के CEO साई श्रीनिवास ने अपने कर्मचारियों को एक भावुक ईमेल भेजकर इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस नए टैक्स के लागू होने से कंपनी पर टैक्स का बोझ 350% से 400% तक बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस भारी टैक्स के साथ भारत में अपना बिजनेस चलाना ही नामुमकिन हो जाएगा।
कंपनी ने कहा कि हमारे पास कर्मचारियों को निकालने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था, क्योंकि हमें इस मुश्किल दौर में टिके रहने के लिए अपनी लागत घटानी होगी। यह फैसला सिर्फ एक कंपनी का नहीं, बल्कि पूरी इंडस्ट्री की उस हताशा को दिखाता है जो इस नए नियम के बाद पैदा हुई है।
पूरी गेमिंग इंडस्ट्री पर मंडरा रहा है खतरा
यह कहानी सिर्फ MPL की नहीं है, बल्कि भारत की पूरी ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री इस समय अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। जानकारों का मानना है कि इस एक फैसले से भारत का उभरता हुआ गेमिंग सेक्टर कई साल पीछे चला जाएगा।
- कई छोटे गेमिंग स्टार्टअप्स पर तो ताला लगने की नौबत आ सकती है।
- विदेशी निवेशक भारत में पैसा लगाने से कतराएंगे।
- हजारों लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं।
एक तरफ जहां भारत डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की बात कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ इस एक फैसले ने देश के सबसे तेजी से उभरते हुए गेमिंग सेक्टर के भविष्य पर एक बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है।
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