Free AI training for rural entrepreneurs: सरकार का लक्ष्य 10 लाख लोगों को कौशल प्रदान करना

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केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि सरकार देश भर में जन सेवा केंद्र चलाने वाले 5.5 लाख से ज़्यादा ग्रामीण उद्यमियों को मुफ़्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रशिक्षण प्रदान करेगी। यह पहल भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश भर में कुल 10 लाख लोगों को एआई के क्षेत्र में कुशल बनाना है।

सीएससी की 10वीं वर्षगांठ पर बड़ी घोषणा

कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा, “हम ग्रामीण स्तर पर कार्यरत 5.5 लाख सीएससी संचालकों को एआई प्रशिक्षण देने को प्राथमिकता देंगे। यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क होगा और इसका उद्देश्य ग्रामीण उद्यमियों को डिजिटल युग में आगे ले जाना है।”

आईआरसीटीसी सेवाएं शुरू करने पर जोर

वैष्णव ने ग्रामीण उद्यमियों को अपने जन सेवा केंद्रों में आईआरसीटीसी सेवाएँ शुरू करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों में रेलवे टिकट बुकिंग आसान होगी और यह वीएलई के लिए आय का एक नया स्रोत बनेगा। इसके अलावा, उन्होंने राज्य की आईटी एजेंसियों को सीएससी-एसपीवी के साथ एकीकृत करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करने का आश्वासन दिया।

सीएससी प्रशासकों ने आधार सेवाओं की मांग की

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने इस अवसर पर सीएससी संचालकों की माँगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ग्रामीण उद्यमी चाहते हैं कि राज्य-आधारित सेवा केंद्रों का जन सेवा केंद्रों में विलय हो और उन्हें आधार से संबंधित कार्यों का आवंटन मिले। इससे उनकी आय बढ़ेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में आधार सेवाएँ और अधिक सुलभ होंगी।

अश्विनी वैष्णव ने सीएससी एसपीवी को राज्य-आधारित सेवा केंद्रों के विलय की संभावनाओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने को कहा। उन्होंने ग्रामीण उद्यमियों को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर राज्य सरकारों के साथ चर्चा की जाएगी।

यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है?

यह पहल ग्रामीण भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एआई प्रशिक्षण के माध्यम से, ग्रामीण उद्यमी नई तकनीकों का उपयोग कर पाएँगे, जिससे उनकी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और आय के नए अवसर खुलेंगे। इसके अलावा, आईआरसीटीसी और आधार सेवाओं के एकीकरण से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुँच बढ़ेगी।

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