उमरिया, 9 अक्टूबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री फसल बीमा के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। सहकारी समिति के प्रबंधक और प्रशासक मिलकर आदिवासी किसानों के नाम पर 80 लाख रुपये का फर्जी लोन बनाकर पैसे निकाल लिये। किसान अब न्याय के लिये गुहार लगा रहे हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि मामला उमरिया जिले के आदिवासी ब्लाक पाली का है, जहां कृषक सेवा सहकारी समिति पाली के तत्कालीन प्रबंधक हरि निवास पांडेय एवं प्रशासक चन्द्र मणि द्विवेदी द्वारा वर्ष 2022 में ग्राम सरवाही कला, सरवाही खुर्द, बन्नौदा, बरबसपुर, छिंदहा, सलैया 2, गोयरा के लगभग 80 आदिवासी किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर उनकी ऋण पुस्तिका जमा करवा कर कोरे कागजों में हस्ताक्षर एवं अंगूठा लगवा लिया गया, बाद में उन किसानों के नाम पर केसीसी बना कर लगभग 75 से 80 लाख रुपये की राशि प्रबंधक और प्रशासक ने मिलकर निकाल लिए । वहीं 28 फरवरी 2023 को तत्कालीन प्रबंधक हरि निवास पांडेय सेवा निवृत्त हो गए और प्रशासक चन्द्र मणि द्विवेदी अपना स्थानांतरण मानपुर ब्लाक में करवा लिया और वहां भी कोटरी के प्रबंधक के साथ मिलकर लाखों का घोटाला कर दियाए।
वहीं जब दूसरे प्रबंधक ने कृषक सेवा सहकारी समिति का प्रभार लिया तो इतनी लम्बी ऋण राशि देख कर वसूली करने आदिवासी किसानों के घर पहुंच गए तब किसानों को पता चला कि हम लाखों रुपये के कर्जदार हैं तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। उसके बाद लगातार आदिवासी किसान थाना पाली से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नही है। इतना ही नही ऐसी वृद्धा जो चलने फिरने में भी असमर्थ है उसके घर जाकर भी उससे अंगूठा लगवा लिया गया और उसके ऊपर 1 लाख 10 हजार रुपये का कर्ज बना दिया गया।
इस मामले में अपर कलेक्टर शिव गोविंद मरकाम का कहना है कि जो आवेदन कलेक्टर साहब को दिया गया है, इसकी जांच करवाई जाएगी और जो सामने आएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इस मामले में एडिशनल एसपी प्रतिपाल सिंह महोबिया ने बताया कि कुछ समय पूर्व हमे प्रबंधक हरि निवास पांडेय और प्रशासक चन्द्र मणि द्विवेदी के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी, इसमें अभी हम उस विभाग से मूल दस्तावेज प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं, अभी तक मूल दस्तावेज प्राप्त नही हुए हैं, दस्तावेज प्राप्त होने के बाद ही कुछ कार्रवाई हो पायेगी।