मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के 5747 लाभार्थियों के खाते में चार माह की धनराशि स्थानांतरित

देहरादून, 11 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से लाभान्वित 5747 लाभार्थियों के खातों में डीबीटी के माध्यम से चार माह की 06 करोड़ 95 लाख 73 हजार रुपये की सहायता राशि का डिजिटल माध्यम से हस्तांतरण किया गया। कोरोना काल में महामारी समेत अन्य बीमारियों से माता-पिता व संरक्षक खो चुके बच्चों की देखभाल के पुनर्वास के लिए यह योजना लाई गई थी।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने गुरुवार को यमुना कॉलोनी स्थित कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के 5747 लाभार्थियों को उनके बैंक खातों में मार्च से जून तक (चार माह) की 06 करोड़ 95 लाख 73 हजार रुपये की सहायता राशि का डिजिटल माध्यम से हस्तांतरण किया। इस योजना में ऐसे बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक तीन हजार रुपये प्रतिमाह सहायता राशि देने का प्रविधान है।

बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने धनराशि के ट्रांसफर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का धन्यवाद व आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि धामी मामा और स्वयं वह बुआ के रूप में बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का कार्य कर रही हैं। राज्य सरकार लगातार बच्चों के हितों के लिए काम कर रही है।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत लाभार्थियों को 3000 रुपये प्रतिमाह की दर से माह मार्च में 5868 लाभार्थियों, अप्रैल में 5805 लाभार्थियों, मई में 5771 लाभार्थियों को एवं माह जून में 5747 लाभार्थियों को कुल 695.73 लाख की धनराशि का डिजिटल हस्तान्तरण किया गया है।

मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि हमारे बच्चों को यह चिंता करने की जरूरत नहीं है कि अब उनका क्या होगा, क्योंकि वह स्वयं एक अभिभावक के रूप में उनके साथ खड़ी हैं। उनका प्रयास रहेगा कि हर बच्चे को इसका लाभ मिले। इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है और सभी को अपनी जिम्मेदारी का बखूबी पालन करने को भी कहा गया है।

रेखा आर्या ने कहा कि योजना के तहत अनाथ बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के जरिये दी जा रही है। साथ ही ऐसे बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा, खाद्य सामग्री, कौशल विकास, स्वास्थ्य सुविधा, शासकीय सेवाओं में क्षैतिज आरक्षण समेत अन्य प्रावधान भी किए गए हैं। उन्होंने सभी बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि मैं आप सभी को भरोसा दिलाती हूं कि आपकी ये ‘बुआ’ हमेशा आपके साथ है। उन्होंने कहा कि हम मंत्री हैं लेकिन आपके लिए आपकी बुआ हैं और मेरे दिल और मेरे घर के दरवाजे आप बच्चों के लिए हमेशा खुले हैं। आप जब चाहें तब अपनी बुआ के घर आ-जा सकते हैं। आपने कोई अच्छी पेंटिंग बनाई या कोई पुरस्कार जीता तो आप मुझे बता सकते हैं। आपकी खुशी में मेरी खुशी है।

इस दौरान निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशांत आर्य, मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी, उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता समेत अन्य विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।