अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की आयु में निधन

2 Former Us President Jimmy Cart

अमेरिका के सबसे उम्रदराज़ जीवित पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 30 दिसंबर, रविवार की रात जॉर्जिया स्थित उनके घर पर निधन हो गया। 100 वर्षीय कार्टर ने अमेरिकी राजनीति और वैश्विक मानवीय प्रयासों में अमिट छाप छोड़ी। वह भारत का दौरा करने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति थे और 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे। मूंगफली किसान से राष्ट्रपति बनने तक की उनकी यात्रा प्रेरणादायक रही।

कार्टर लंबे समय से त्वचा कैंसर (मेलेनोमा) से पीड़ित थे, जो उनके यकृत और मस्तिष्क तक फैल गया था। उन्होंने इलाज बंद कर दिया था और उनके अंतिम समय में घर पर उनकी देखभाल की जा रही थी।

जिमी कार्टर: एक प्रेरक व्यक्तित्व

पारिवारिक संदेश

कार्टर के बेटे चिप कार्टर ने कहा:

“मेरे पिता उन सभी के लिए एक नायक थे जो शांति, मानवाधिकार और निस्वार्थ प्रेम में विश्वास करते थे। उन्होंने लोगों को एक साथ लाया और दुनिया को एक परिवार जैसा बनाया। उनकी स्मृतियां हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी।”

कार्टर की पत्नी रोज़लिन का भी नवंबर 2023 में 96 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।

विविध भूमिकाएं

  • व्यवसायी, नौसेना अधिकारी, नेता, वार्ताकार, लेखक और मानवतावादी।
  • 45 अमेरिकी राष्ट्रपति बनने वालों में से एक।
  • उन्होंने राजनीतिक धारणाओं को चुनौती दी और एक नई दिशा दी।

अमेरिकी नेताओं की शोक संवेदनाएं

जो बाइडेन का संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शोक व्यक्त करते हुए कहा:

“आज अमेरिका और दुनिया ने एक महान नेता खो दिया। मैंने 50 वर्षों से जिमी कार्टर को जाना और उन्हें एक प्रिय मित्र माना। उनके कार्य, न कि केवल शब्द, उनकी महानता के प्रमाण हैं।”

बाइडेन ने आगे कहा कि कार्टर ने अमेरिका और दुनिया में शांति, मानवाधिकार, स्वतंत्रता और निष्पक्ष चुनावों को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई।

डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा:

“जब जिमी कार्टर राष्ट्रपति बने, हमारा देश कठिन दौर से गुजर रहा था। उन्होंने अमेरिकी जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। उनके योगदान के लिए हम हमेशा उनके आभारी रहेंगे।”

कार्टर की उल्लेखनीय उपलब्धियां

1977-1981: राष्ट्रपति कार्यकाल

  • उन्होंने ‘वाटरगेट’ घोटाले और वियतनाम युद्ध के बाद विश्वास बहाल करने का काम किया।
  • कैंप डेविड समझौता (1978):
    • यह इजराइल और मिस्र के बीच हुआ एक ऐतिहासिक समझौता था।

नोबेल शांति पुरस्कार (2002)

कार्टर को यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय विवादों के शांतिपूर्ण समाधान, मानवाधिकारों के संवर्धन और आर्थिक-सामाजिक विकास के प्रयासों के लिए दिया गया।

भारत से विशेष संबंध

1978 का भारत दौरा

  • जिमी कार्टर अपनी पत्नी के साथ भारत यात्रा पर आए थे।
  • उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी और प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से मुलाकात की।
  • भारतीय संसद को भी संबोधित किया।

करतरपुरी गांव

  • हरियाणा के गुरुग्राम में एक गांव का नाम उनके सम्मान में “करतरपुरी” रखा गया।
  • उन्होंने इस गांव का दौरा किया, जो आज भी उनकी स्मृतियों को संजोए हुए है।

एक प्रेरणादायक जीवन यात्रा

जिमी कार्टर का जीवन एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे निस्वार्थ सेवा, मानवाधिकारों की रक्षा और शांति के प्रति समर्पण के जरिए दुनिया को बदला जा सकता है। उन्होंने राष्ट्रपति पद के बाद भी मानवीय प्रयासों को जारी रखा और दुनियाभर में लोकतंत्र और सामाजिक विकास के लिए काम किया।