चूरु, 29 जून (हि.स.)। जिले की सादुलपुर राजगढ़ एसीजेएम लीलूराम सिहाग की कोर्ट ने शनिवार को अहम निर्णय सुनाते हुए स्कूल की महिला कार्मिक के साथ छेड़छाड़ के आरोपी तत्कालीन प्रिंसिपल को छेड़छाड़ सहित विभिन्न धाराओं में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
न्यायालय ने पूर्व प्रिंसिपल कृष्ण कुमार मेहरा को आईपीसी 354 में 3 साल के कारावास व 10 हजार रूपये जुर्माने की सुनाई सजा सुनाई है। वहीं आईपीसी 354 (क) में एक साल के कठोर कारावास तथा आईपीसी की धारा 354(ख) में 3 साल की सजा व 10 हजार रुपये जुर्माना व 506 आईपीसी में एक साल सजा सुनाई गई है। जुर्माना राशि जमा न कराने की दशा में दोषी अभियुक्त को तीन महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
गौरतलब है कि पीड़िता कार्मिक की ओर से गत वर्ष 19 सितंबर को सिद्धमुख थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था कि उसी के स्कूल का प्राचार्य कृष्णकुमार मेहरा उसके साथ छेड़छाड़ करता है एवं नाजायज तंग, परेशान व अश्लील हरकत करता है तथा धमकी देता है कि यदि उक्त के संबंध में किसी को बताया तो वह उसकी बदली जैसलमेर करवा देगा। बार-बार दुष्कर्म की कोशिश का आरोप भी लगा था। अभियुक्त प्राचार्य द्वारा मामले को दबाने व सीसीटीवी सबूत मिटाने के लिए तत्कालीन एसएचओ से सेटिंग का हवाला भी दिया गया था। उक्त गंभीर मामले को दबता देख सिद्धमुख व क्षेत्र के लोगों ने पीड़िता कार्मिक के पक्ष में जोरदार तरीके से आवाज उठायी थी। तत्कालीन विधायिका पर आरोप अभियुक्त को बचाने के आरोप भी लगे थे। वर्तमान सादुलपुर से विधायक मनोज न्यांगली ने उस समय पीड़िता के पक्ष में धरने का नेतृत्व किया था। मजबूरन प्रशासन को आरोपित को गिरफ्तार कर सस्पेंड किया गया था। गिरफ्तारी के बाद से आज तक अभियुक्त जेल में है। हाईकोर्ट भी अभियुक्त की दो बार जमानत याचिका खारिज कर चुका है।
मामले में पीड़िता की ओर से मजबूती से पैरवी कर रहे एडवोकेट हरदीपसिंह सुंदरिया ने कहा कि न्यायालय के फैसला स्वागत योग्य है। विद्या के मंदिर में जिम्मेदार अधिकारी द्वारा महिला कार्मिक के साथ ऐसी करतूत शर्मसार करने वाली है। विधि अनुसार अभियुक्त को दस साल तक की सजा का प्रावधान था,सजा की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर हम मामले में ऊप