जयपुर, 5 मार्च (हि.स.)। एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने निर्माणकर्ता से राजीनामा कराने की एवज में शिकायतकर्ता से एक लाख रुपए लेने के मामले में जेडीए के जोन पांच व 11 के तत्कालीन प्रवर्तन अधिकारी सुरेश परेवा को पांच साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना राशि जमा नहीं कराने पर अभियुक्त को छह माह की सजा अतिरिक्त भुगतनी पडेगी।
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि परिवादी अजय सहारण ने 14 मई, 2016 को एसीबी में रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में कहा गया कि वह न्यू सांगानेर रोड पर रहता है। उसका पडोसी बिल्डर फ्लैट निर्माण कर रहा है। इस दौरान बिल्डर ने उसके प्लॉट के कुछ हिस्से पर अनाधिकृत निर्माण कर लिया। जिसकी शिकायत जेडीए में की गई। इस पर जेडीए ने जोन के प्रवर्तन अधिकारी से तीन दिन में अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट मांगी, लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं बाद में अभियुक्त ने परिवादी से मिलकर कहा कि वह बिल्डर से राजीनामा करवा देगा, लेकिन उसके बदले चार लाख रुपए देने होंगे। जिसकी पहली किस्त के तौर पर एक लाख रुपए देंगे होंगे। रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने 15 जून को अभियुक्त को एक लाख रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। इसके साथ ही एसीबी की ओर से अभियुक्त के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश कर उसे सजा देने की गुहार की। जिसके बचाव में अभियुक्त ने कहा कि परिवादी का कोई कार्य उसके पास शेष नहीं था। घटना के दिन वह परिवादी के वाहन से उतर कर अपने दुपहिया के पास जा रहा था, तभी परिवादी ने जबरन उसकी जेब में रुपए डाल दिए। इसके बाद दो लोगों ने उसके हाथ पकड लिए और आधा दर्जन अन्य लोगों ने उसके साथ मारपीट की। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को सजा और जुर्माने से दंडित किया है।