सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज नरीमन ने कहा कि अयोध्या मामले के फैसले में धर्मनिरपेक्षता को न्याय नहीं मिला, जिसे उन्होंने आपत्तिजनक बताया और फैसले को न्याय का मजाक बताया। और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि बाबरी मस्जिद से पहले वहां कोई मंदिर था. अब जस्टिस नरीमन के इस बयान के बाद चीफ जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की.
पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह फैसला अब लोगों के सामने है, जस्टिस नरीमन एक स्वतंत्र देश के नागरिक हैं, उन्होंने इस फैसले की आलोचना की जो साबित करता है कि भारत में धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत जीवित है. हम इस फैसले पर कायम हैं, यह फैसला तथ्यों और तथ्यों के आधार पर दिया गया है, इतना ही नहीं इसमें धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का पालन किया गया है.